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जानिए IAS अधिकारी के पास क्या होती है पावर और जिम्मेदारी, देखें सैलरी और मिलने वाली सुविधाएं




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IAS Officer Selection Process Salary Responsibility: आईएएस अधिकारी का चयन UPSC की परीक्षा में मिले उनके रैंक के अनुसार होता है. इस परीक्षा में टॉप रैंक वालों को आईएएस पोस्ट मिलता है, लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वालों का प्रेफरेंस IPS या IFS होता है तो निचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है.

IAS Officer Job Profile Salary Allowance Training  Selection: इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (Indian Administrative Service)’ जिसे हिंदी में ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ कहा जाता है. आईएएस ऑफिसर सिविल सर्विस परीक्षा में टॉप रैंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को बनाया जाता है.

भारत में इसे सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है, उम्‍मीदवार इसी परीक्षा को पास करने के बाद ही आईएएस(IAS), आईपीएस(IPS), आईईएस(IES) या आईएफएस(IFS) जैसे पदों पर पोस्‍ट होते हैं. हालांकि इन सभी पदों के बीच सबसे ज्‍यादा चर्चा आईएएस को लेकर होती है.

IAS अधिकारी का चयन :
आईएएस अधिकारी का चयन UPSC की परीक्षा में मिले उनके रैंक के अनुसार होता है. इस परीक्षा में टॉप रैंक वालों को आईएएस पोस्ट मिलता है, लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वालों का प्रेफरेंस IPS या IFS होता है तो निचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है. इसके बाद की रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती है.

आईएएस ऑफिसर की ट्रेनिंग :
आईएएस ऑफिसर को मसूरी में ही पूरी ट्रेनिंग दी जाती है. यहां उन्‍हें एडमिस्ट्रेशन, पुलिसिंग व गवर्नेंस के हर सेक्टर की जानकारी दी जाती है. साथ ही एकेडमी के अंदर कुछ खास एक्टिविटीज कराई जाती हैं, जिसमें मेंटल और फिजिकल स्ट्रेंथ के लिए हिमालय की कठिन ट्रैकिंग भी शामिल है.

आईएएस ऑफिसर की पोस्टिंग :
ट्रेनिंग के बाद उन्हें उनके कैडर में भेज दिया जाता है. जहां पर उन्हें किसी विशेष क्षेत्र या विभाग का प्रशासन सौंपा जाता है. उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव बनाने व सरकारी नीतियों को लागू करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए कार्यकारी शक्तियां दी जाती है.

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आईएएस ऑफिसर की जिम्‍मेदारी व पावर :
आईएएस ऑफिसर जिलाधिकारी के रूप में काफी ज्यादा पावरफुल होता है. एक आईएस के पास जिले के सभी विभाग की जिम्मेदारी होती है. वह जिलाधिकारी के रूप में पुलिस विभाग के साथ साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है. डिस्ट्रिक्ट की पुलिस व्यवस्था की जिम्मेदारी भी जिलाधिकारी के पास ही होती है. जिले में निषेधाज्ञा, धारा 144 इत्यादि लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी निर्णय एक डीएम ही लेता है. भीड़ पर कार्रवाई करने या फायरिंग जैसे आर्डर भी डीएम दे सकता है.

आईएएस ऑफिसर की सैलरी व सुविधाएं :
सातवें पे कमीशन के तहत इनकी सैलरी 56,100 से 2.5 लाख रुपये प्रति महीने होती है. मूल वेतन और ग्रेड पे के अलावा इन्‍हें डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस, मेडिकल अलाउंस और कन्वेंशन अलाउंस भी मिलता है. इसके अलावा आईएएस अधिकारियों को बंगला, कुक, गार्डनर, सुरक्षा गार्ड और अन्य घरेलू सहायता जैसे अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं.

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