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एसडीओपी आशीष अरोरा सहित पुलिसकर्मियों ने श्रम वीरों के सम्मान में आज छत्तीसगढ़ के पारंपरिक आहार बोरे_बासी का उठाया लुफ्त




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कान्हा तिवारी भाटापारा : छत्तीसगढ़ में पहली बार श्रम दिवस कुछ अलग ही अंदाज में मनाया जा रहा है. सीएम भूपेश बघेल ने मजदूर दिवस के एक दिन पहले लोगों से बोरे बासी खाकर मनाने की अपील की थी. सीएम की अपील का असर भी हुआ. आम लोगों के साथ ही खास लोग भी बोरे बासी खाते दिखाई दे रहे हैं. इसी कड़ी में भाटापारा एसडीओपी आशीष अरोरा समेत पुलिसकर्मियों ने बोरे बासी का लुफ्त उठाया. उन्होंने बाकायदा इसे सोशल मीडिया में भी पोस्ट शेयर किया है. बोरे बासी का पोस्ट सोशल मीडिया में खूब ट्रेंड कर रहा है. अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक फेसबुक, ट्विटर पर बोरे बासी खाते हुए अपनी फोटो पोस्ट कर रहे हैं.*बोरे बासी बनाने की विधि:* ताजे बने चावल को ठंडा कर पानी डाल कर कुछ समय के बाद खाने से ये बोरे कहलाता है. रात के बचे चावल को पानी में डालकर ढककर सुबह तक छोड़ दिया जाए तो बासी तैयार हो जाती है. मिट्टी के बर्तन में बोरे बासी बनाई जाए तो इसके बेहतर परिणाम मिलते हैं. चावल में बेहतर क्वालिटी का कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो कि अन्य अनाजों की तुलना में जल्दी पच जाता है. जब इससे बोरे बासी बनाया जाता है तो चावल का पाचन और बेहतर हो जाता है. यही कारण है कि यह बच्चे, बड़े व बुजुर्गों के लिए एक उत्तम आहार माना जाता है. गर्मियों के दिनों में बोरे बासी लू से बचाती है. बोरे बासी को प्याज, मिर्च, दही, अचार, पापड़, और भाजी के साथ खाया जाता है.