मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में ओडीशा के बालासोर में एक भयानक ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें अब तक करीब 300 लोगों ने अपना जान गवा दी है, जबकि 1000 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. यह हादसा एक मालगाड़ी, कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस के एक साथ टकरा जाने की वजह से हुआ है. बता दें कि यह रेल हादसा काफी भयावह था, लेकिन अगर बात की जाए इतिहास में हुए दुनिया के सबसे बड़े रेल हादसे की, तो उसके बारे में सुनकर शायद आपकी रूह कांप जाएंगी. क्योंकि उस रेल हादसे में करीब 1700 यात्रियों की जान चली गई थी. मौत का मंजर कुछ ऐसा था कि यात्रियों की मौत तड़प-तड़प कर हुई थी
सुनामी निगल गई पूरी ट्रेन
दरअसल, दुनिया का सबसे बड़ा रेल हादसा भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में हुआ था. बात है, 26 दिसंबर 2004 की जब हिंद महासागर में आई सुनामी के कारण श्रीलंका में द क्वीन ऑफ द सी ट्रेन जिसे ओसियन क्वीन एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है, वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. सुनामी ऐसी थी कि वो पूरी ट्रेन को ही निगल गई थी, जिस कारण ट्रेन में यात्रा कर रहे करीब 1700 लोगों की मृत्यु हो गई थी
हजारों बच्चे हो गए अनाथ
इस रेल हादसे के कारण कई लोग बेघर हो गए और काफी बच्चे अनाथ हो गए थे. तेलवट्टा के पास पेरालिया में श्रीलंका के दक्षिण-पश्चिमी तटीय रेलवे लाइन पर ओवरलोडेड पैसेंजर ट्रेन, क्वीन ऑफ द सी लाइन में मानो जैसे बाढ़ आ गई थी. सुनामी की दो लहरों से ही पूरी ट्रेन नष्ट हो गई थी. ट्रेन के आठ डिब्बों में पूरी तरह से पैक कई यात्रियों की मौत हो गई थी
ऐसा था वह भयावह मंजर
सुनामी का कहर कुछ इस कदर था कि तेलवट्टा समुदाय के लाखों लोग भी पानी में डूब गए जब पानी अंदर आया. सुनामी ने उनके घरों को नष्ट कर दिया था. यह बताना कठिन था कि आपदा स्थल से निकाले जा रहे मृतकों में कितने यात्री थे. जैसे-जैसे सैनिकों ने अधिक से अधिक शव रखे, वैसे ही वहां खड़े ग्रामीण चुपचाप खड़े होकर लाशों को देख रहे थे और उनमें अपने गुमशुदा रिश्तेदारों की तलाश कर रहे थे. इसलिए इसे आज तक का दुनिया का सबसे बड़ा रेल हादसा माना जाता है