अजीत बघेल मुंगेली// ग्रामीण मजदूरों को स्वलबन बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार बड़ी बड़ी योजनाएं निकाल रही है जिसमे एक केन्द्र सरकार की बड़ी राष्ट्रीय मनरेगा योजना जो प्रत्येक ग्रामीण परिवार को हर साल 100 दिनों का वेतनभोगी रोजगार मिलता है, और महिलाएं सुझाए गए व्यवसायों में से एक तिहाई के लिए पात्र हैं। भारत सरकार का मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने में मदद करता है जिसको पंचायत सरपंच सचिव रोजगार सहायक अपनी मोटी कमाई का जरिया बनाने से बाज नहीं आते दरसल पुरा मामला मुंगेली जिले के मुंगेली ब्लाक व जरहागांव तहसील में आने वाले ग्राम पंचायत कोना का है जहा सरपंच ऋषि दीवान व सचिव रोजगार सहायक की मिलीभगत से मनरेगा द्वारा काम चल रहे तालाब से मिट्टी बेचे जाने तथा अवैध खनन किऐ जाने का मामला सामने आया है जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने करनी चाही मगर सरपंच सचिव व गाड़ी मालिक की दबंगाई से ग्रामीण डरे हुए हैं ऐसे में जिला पंचायत के संबंधित अधिकारी को वहा जाकर वस्तु स्थिति तालाब की जांच करके दोषी सचिव व रोजगार सहायक पर उचित कार्यवाही करनी चाहिए एक तरफ जहां सरकार व प्रशासन मनरेगा से खोदे गये तालाबों में पानी भरने तथा जल स्तर बढाने के लिऐ निर्देशित किया है तो वहीं सरपंच व सचिव तालाबों की मिट्टी बेंचकर मालामाल हो रहे हैं मुंगेली ब्लाक व जरहगंव तहसील के गांव कोना मे थाना जरहागांव से चंद कदम की दूरी पर अवैध ढंग से सरकारी मनरेगा योजना द्वारा काम चल रहे तालाब से मिट्टी खोदे जाने का मामला सामने आया है जहां विगत कई दिनों से खुलेआम मनरेगा तालाब के पास जेसी बी मशीन और चार ट्रैक्टर मिट्टी खोद रहे हैं कुछ लोगों के मना करने के बाद भी दबंग जेसीबी संचालक द्वारा तालाब से मिट्टी खनन का काम किया जा रहा है। अवैध खनन करने वाले 3 से 4 सौ रूपये प्रति ट्रैक्टर ट्राली से अवैध खनन की मिट्टी जमकर बेची जा रही है। अवैध खनन करने वाले सरकारी तालाब, को खोदकर अपनी निजी आय व सरपंच सचिव रोजगार सहायक से बंडलबांट करने के लिए पैसा बना रहे है। आपको बता दें कि रोजगार सहायक और सचिव अपनी डबल कमाई के लिए जेसीबी से खोदे गए स्थान को भी मजदूरी में नापी करवा कर फर्जी मस्टररोल तैयार कर अपने संबंधित लोगों के खाते में भुगतान करवा कर सीधे अवैध लाभ लेने की भी फिराक में हैं जो ग्रामीण मजदूरों के पेट पर लात मारने जैसा है आखिर इनको किस बाहुबल का शैह मिल रहा है क्या संबंधित अधिकारियों को यह भ्रष्टाचारी नजर नहीं आ रहे हैं या वे जानबूझकर जानकारी नहीं होने का हवाला दे रहे हैं अगर जिला पंचायत सी ओ चाहे तो सरपंच के ऊपर धारा 40 के तहत व सचिव, रोजगार सहायक पर निलंबन की कार्यवाही के साथ अन्य कार्यवाही भी कर सकता है इस सम्बंध में जिला पंचायत एपीओ विनायक गुप्ता से बात किया गया तो उनके द्वारा दोषियों के ऊपर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया अब देखने वाली बात यह होगी कि इतनी बड़ी योजना को ताक पर रखकर लापरवाही करने वाले सरपंच सचिव व रोजगार सहायक पर ऊचित कार्यवाही करती है या मामले को पलीता लगाकर भ्रष्टाचारियों को शैह देकर उनके हौसले बुलंद करती है