Home छत्तीसगढ़ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को बीस साल पुराने मानहानि मामले में पांच...

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को बीस साल पुराने मानहानि मामले में पांच महीने की सज़ा


IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को दो दशक पुराने मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने पांच महीने की सज़ा सुनाई है.

यह मामला क़रीब 23 साल पहले का है जब तत्कालीन खादी और ग्रामोद्योग आयोग चेयरमैन वीके सक्सेना (मौजूदा दिल्ली उपराज्यपाल) ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का एक आपराधिक मामला दर्ज कराया था.

समाचार एजेंसी एएनाई के अनुसार, अदालत ने पाटकर से हर्जाने के रूप में 10 लाख रुपये वीके सक्सेना को देने का आदेश दिया.

इस फैसले को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई से मेधा पाटकर ने कहा, “सत्य पराजित नहीं होता है. हम लोग जो काम कर रहे हैं, वो हमारी दृष्टि से दलितों, आदिवासियों, ग़रीबों के लिए है और इसलिए विकास के नाम पर विनाश, विस्थापन और विषमता नहीं चाहते हैं. ये हमारा काम है, हमने किसी को बदनाम करने की कोई मंशा नहीं रखी.”

उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे क़ानून के तहत चुनौती दी जाएगी.

दिल्ली कोर्ट ने सज़ा के ख़िलाफ़ अपील के लिए मेधा पाटकर को 30 दिन का समय दिया है.

वीके सक्सेना के वकील ने कोर्ट से कहा कि वो कोई हर्जाना नहीं चाहते हैं और वो इसे दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को दे सकती हैं.

लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह राशि शिकायतकर्ता को दी जाएगी उसके बाद वो इसे अपनी मर्ज़ी से किसी को भी दे सकते हैं.

बीते 24 मई को कोर्ट ने मेधा पाटकर को मानहानि के मामले दोषी ठहराया था.