टिमरनी (उत्तम गिरी)।
महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक महिला ने सामाजिक सरोकार से जुड़ा नायाब उदाहरण पेश किया। महिला ने गुरुवार को एक 70 वर्ष के एक आंख से दिव्यांग बुजुर्ग का 60 साल महिला ने हाथ थामा और एक दूसरे का मरते दम तक साथ निभाने की वचन दिया। दोनों ने नगर के न्यायालय परिसर में एक दूसरे को वरमाला पहनाई।
इसके साक्षी अधिवक्तागण और ग्रामीण बने। सभी ने नवविवाहित बुजुर्ग दंपती को बधाइयां दी। वहीं तहसील परिसर में इस अनोखी शादी को देखने के लिए लोगों की भीड़ नजर आई। अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष डीएन मालाकार ने इन दोनों बुजुर्ग दंपती की शादी एक दूसरे की सहमति से करने के लिए स्टांप लिखे। इस दौरान अधिवक्ता संजय उपाध्याय, कन्हैयालाल पटेल, भरत सिंह चौहान, दीपक शर्मा श्रीकर चंद्र गदे्र सहित अनेक अधिवक्तागणों ने बधाई दी।
खुशी का किया इजहार
क्षेत्र की ग्राम पंचायत भादुगांव में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग गोरेलाल से सिवनी मालवा के ग्राम घमासा में रहने वाली 60 वर्षीय महिला प्रेमबाई ने न्यायालय परिसर में आकर एक दूसरे की सहमति से शादी रचाई। भादूगांव में रहने वाले गोरेलाल ने बताया कि उनकी पहली पत्नी 20 साल पहले ही निधन हो गया था। पहली पत्नी से उनकी एक बेटी थी, जिसका विवाह हो गया। अब बुढ़ापे का कोई सहारा न होने के कारण ओर लगातार 20 वर्षों तक बिना जीवन साथी के गुजारना गवारा हो गया था। एक आंख से दिखाई भी नहीं देता है। इसके लिए दूसरी शादी का फैसला लिया। वहीं सिवनी मालवा के ग्राम घमासा में रहने वाली 60 वर्षीय महिला के पहले पति भी लगभग 17 साल पहले गुजर गए थे। महिला की कोई भी संतान नहीं है। इस पर दोनों ने शादी के लिए रजामंदी कर एक साथ रहने का फैसला किया और शादी कर ली।
ऐसे हुई थी मुलाकात
भादुगांव में रहने वाले गोरेलाल ने बताया कि कुछ साल पहले से गांव में महिला का आना जाना था। एक बार मुलाकात हुई और बातचीत शुरू हो गई। इसके बाद जब भी प्रेमबाई आती थीं, उनकी बात होती थी। वह उनके घर का भी कुछ काम कर जाती थीं। प्रेमबाई का भी कोई सहारा नहीं था और न ही मेरा, इसलिए हम दोनों ने एक साथ रहने का मन बना लिया। गुरुवार को न्यायालय परिसर में शादी भी कर ली है। अब हम दोनों एक दूसरे के साथी बनकर रहेंगे