भोपाल। प्रदेश में हो रहे तबादलों के घेरे में 39 जिलों के पुलिस कप्तान आ चुके हैं। भोपाल-इंदौर शहर के पुलिस कप्तान डीआईजी भी इनमें शामिल हैं। इनमें से कुछ जिलों के एसपी तो महज इसलिए हटा दिए गए क्योंकि उन्होंने कांग्रेस नेताओं और उनके परिचितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर दी गई। वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले से हटाए गए कप्तान को तो करीब ढाई महीने बाद भी पुलिस मुख्यालय में कोई काम ही नहीं सौंपा गया है।
मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से भोपाल और इंदौर में एसएसपी सिस्टम है जहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों की पदस्थापना की जाती है। कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कमलनाथ के 17 दिसंबर को शपथ लेने के बाद सबसे पहले छिंदवाड़ा एसपी अतुल सिंह को 20 दिसंबर को हटाया गया।
अतुल सिंह को पुलिस मुख्यालय में पदस्थापना दी गई थी लेकिन उन्हें आज भी कोई काम नहीं दिया गया है। 20 दिसंबर से अब तक प्रदेश के 52 जिलों में से 39 के एसपी बदले जा चुके हैं। इनमें भोपाल और इंदौर के डीआईजी कप्तान भी हटा दिए गए। इंदौर में एक रिटायर्ड आईएएस की पुत्री पुलिस अधीक्षक स्तर की अधिकारी को एसएसपी बनाकर भेजा गया तो भोपाल में डीआईजी इरशाद वली को ही कमान दी गई।
विधायक पुत्र पर एफआईआर के बाद हटे एसपी
वहीं, जिन 37 जिलों के एसपी को हटाया गया, उनमें मुरैना के रियाज इकबाल भी शामिल हैं। बताया जाता है कि उन्होंने टोल पर फायरिंग करने वाले विधायक पुत्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद ही वे हटा दिए गए। इसी तरह मंदसौर एसपी रहे टीके विद्यार्थी को एक नेता के शराब से भरे ट्रक को पकड़ने पर उनकी नाराजगी झेलना पड़ी। वे 33 दिन ही मंदसौर एसपी रहे और पीएचक्यू भेज दिए गए।
गौ रक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सख्त कार्रवाई करने वाले आगर मालवा एसपी मनोज सिंह ने जब पशुक्रूरता अधिनियम में कार्रवाई कर दी तो कुछ दिन में वे वहां से हटा दिए गए। इसी तरह राजगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग द्वारा भेजे गए प्रशांत खरे को चार महीने में ही राजगढ़ से हटाकर पीएचक्यू भेज दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनके स्थान पर प्रदीप शर्मा की पदस्थापना कराई है। शर्मा-सिंह के परिवार के घनिष्ठ संबंध हैं।
तेरह जिलों के एसपी ही बचे
प्रदेश के जबलपुर और ग्वालियर सहित उज्जैन, सिवनी, धार, रतलाम, शाजापुर, सीधी, भिंड, शिवपुरी, सतना, निवाड़ी और शहडोल जैसे 13 जिलों के एसपी शिवराज सरकार के समय की पदस्थापना वाले बचे हैं। इनमें धार जिले के वीरेंद्र सिंह और शाजापुर के शैलेंद्र सिंह चौहान नवंबर 2016 में एसपी बनाए गए थे। वहीं, उज्जैन एसपी सचिन कुमार अतुलकर पौने दो साल से जमे हैं। शेष अन्य आठ जिलों के एसपी शिवराज सरकार में कुछ महीने पहले ही पदस्थ हुए थे।