Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : पर्यटन विभाग की दो परियोजनाओं पर आचार संहिता का ब्रेक

छत्तीसगढ़ : पर्यटन विभाग की दो परियोजनाओं पर आचार संहिता का ब्रेक




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन के लिए तिथियों के एलान के साथ ही प्रभावी आदर्श आचार संहिता ने पर्यटन विभाग की दो परियोजनाओं पर ब्रेक लग गया है। प्रसाद योजना में स्वीकृत 50 करोड़ की डोंगरगढ़ परियोजना व राज्य के 15 होटलों को निजी क्षेत्र में सौंपे जाने का एग्रीमेंट अब लोकसभा चुनाव के बाद ही हो पाएगा। दोनों के प्रोजेक्ट शासन स्तर पर लापरवाही व लेट-लतीफी के कारण अटके हैं।

भारत सरकार के पर्यटन मंत्री जे अल्फांस ने छत्तीसगढ़ को अपनी प्रसाद योजना के तहत 50 करोड़ की एक सौगात दी थी। वे सौ करोड़ की ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के उद्घाटन में धमतरी के गंगरैल में आए थे। मंत्री की स्वीकृति के बाद इस पैसे के लिए दंतेश्वरी मंदिर परिसर का चयन किया गया, जिसे बाद में परिवर्तित कर डोंगरगढ़ कर दिया गया।

सारी कवायद कर प्रर्यटन मंडल ने पत्रावली शासन को प्रेषित की, जिसे भारत सरकार को भेजा जाना था। इसी तरह पर्यटन मंडल ने अपने 55 होटलों को निजी क्षेत्रों को देने के लिए टेंडर निकाला। 20 होटलों में निजी क्षेत्र के लोगों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई। पर्यटन विभाग ने उसमें से भी सात लोगों के आवेदन को खारिज कर 13 लोगों के आवेदन को हरी झंडी देकर उसकी पत्रावली राज्य शासन को प्रेषित कर दी।

इसी बीच विधानसभा चुनाव के कारण उन कार्यों को संपादित नहीं किया जा सका। विधानसभा चुनाव संपन्न होने व नई सरकार के कार्यकाल भार संभाले दो महीने हो जाने के बाद भी शासन ने न तो डोंगरगढ़ का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा न ही होटल-मोटल को निजी क्षेत्र में देने का एग्रीमेंट ही किया।

दो महीने बाद लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो गई और एक बार फिर यह दोनों प्रोजेक्ट आचार संहिता की चपेट में आ गए। दोनों ही परियोजनाओं के ब्रेक लगने से विभाग का नुकसान है। यदि पर्यटन विभाग के होटल संचालित हो जाते तो इससे विभाग का आय होती और भारत सरकार के पैसे आ गए होते तो उससे डोंगरगढ़ का विकास।

नियमित कार्य हैं, चुनाव बाद हो जाएंगे संपादित

छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध निदेशक एमटी नंदी का कहना है कि दोनों कार्य नियमित हैं, चुनाव बाद संपादित होंगे। कहा दोनों ही कार्यों की फाइल सचिव पर्यटन विभाग कार्यालय को काफी पहले प्रेषित कर दी गई थी।

सचिव बदलने से जगी थी उम्मीद

पर्यटन विभाग में सचिव निहारिका बारिक सिंह के स्थानांतरण के बाद उम्मीद जगी थी कि नई सचिव इस कार्य को प्राथमिकता पर संपादित करेंगी तभी आचार संहिता प्रभावित हो गई। अब विभाग को लोकसभा चुनाव होने का इंतजार करना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here