Home देश US और तालिबान में सबसे लंबी चली वार्ता खत्म, अफगानिस्तान पर फिलहाल...

US और तालिबान में सबसे लंबी चली वार्ता खत्म, अफगानिस्तान पर फिलहाल कोई समझौता नहीं




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

दोहा। अमेरिका और तालिबान के बीच अब तक चली सबसे लंबी वार्ता मंगलवार को खत्म हो गई। इसमें प्रगति तो हुई है, लेकिन विदेशी सेनाओं की वापसी पर फिलहाल कोई समझौता नहीं हो सका। माह के अंत में वार्ता फिर शुरू होने की संभावना है।

16 दिनों तक चली इस वार्ता में अमेरिकी दल का नेतृत्व विशेष दूत जल्मय खलीलजाद और तालिबानी दल का नेतृत्व उसके राजनीतिक प्रमुख मुल्ला अब्दुल घानी बारादर ने किया। खलीलजाद अफगानिस्तान में ही जन्मे अमेरिकी राजनयिक हैं। वार्ता के दौरान अमेरिका ने आश्वासन मांगा कि तालिबान आतंकी समूहों को अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा

खलीलजाद ने बताया कि शांति के लिए हालात सुधरे हैं। यह साफ है कि दोनों ही पक्ष लड़ाई खत्म करना चाहते हैं। उतार-चढ़ाव के बावजूद चीजें ट्रैक पर हैं। उन्होंने बताया कि जब सैन्य बलों की वापसी का कार्यक्रम और आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदमों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा, तभी तालिबान और सरकार समेत अन्य अफगान अंतर-अफगानी बातचीत शुरू करेंगे।

अफगानी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि वह दीर्घकालिक संघर्षविराम और सरकार व तालिबान के बीच जल्द सीधी वार्ता शुरू होने की उम्मीद करते हैं। बताते चलें कि अफगानिस्तान से 17 साल बाद अब अमेरिकी सेना धीरे-धीरे घर लौटने की तैयारी में है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिसंबर 2018 में कहा था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाया जाएगा। बताते चलें कि वहां अभी करीब 7,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इससे पहले अमेरिका ने सीरिया से अपनी सेना वापस बुलाने का फैसला किया था।

अमेरिकी और नाटो सेना पिछले 17 सालों से अफगानिस्तान की जमीन पर तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कुछ खास फायदा नहीं मिल पाया है। अफगानिस्तान और अमेरिका कई बार आरोप लगा चुके हैं कि पाकिस्तान अपनी जमीं पर आतंकी संगठनों को पनाह दे रहा है, जिसका नुकसान अफगानिस्तान को हो रहा है। अफगानिस्तान में तालिबानी हमलों के लिए अमेरिका कई बार पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता आया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here