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Madhya Pradesh: कर्ज माफी में राहत कम, सियासत ज्यादा




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मध्य प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी सियासी हथियार बन गई है। भाजपा जहां इसे महज शिगूफा करार देकर सरकार पर किसानों को ठगने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस कर्ज माफी को ऐतिहासिक बताते हुए भाजपा पर भ्रम फैलाने का आरोप लगा रही है। ताजा विवाद किसानों को माफ हुए कर्ज की उम्मीद से कम धनराशि के मिल रहे संदेश (एसएमएस) को लेकर उपजा है, जिसे भाजपा ने मुद्दा बना लिया है।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था लेकिन बाद में कट ऑफ तारीख को लेकर हुई गफलत, कई बदलावों से किसानों को पूरा लाभ नहीं मिलने का आरोप लग रहा है। राज्य सरकार ने पहले तय किया था कि 31 मार्च 2018 तक का कर्ज माफ किया जाएगा लेकिन बाद में संभावित विरोध को देखते हुए कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि किसानों का 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2018 तक का कर्ज माफ किया जाएगा और जिन किसानों ने इस अवधि का कर्ज 12 दिसंबर 2018 (विधानसभा चुनाव परिणाम) तक जमा कर दिया था, उन्हें भी कर्ज की राशि वापस की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि जिन किसानों ने कर्ज जमा कर दिया है, उन्हें भी दो लाख रुपए की कर्जमाफी का लाभ दिया जाएगा। सरकार ने दावा किया है कि 25 लाख किसानों की कर्ज माफी की गई है पर प्रदेश में 61 लाख किसान कर्जदार हैं। सरकार के आंकड़ों में अब तक 10 हजार 123 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया जा चुका है। सरकार अब कह रही है कि आचार संहिता के कारण कर्ज माफी रुक गई है पर भाजपा इसे झूठ बताते हुए कांग्रेस की घेराबंदी कर रही है।

नाराजगी दिखाते उदाहरण

मामला-1 : अरविंद तिवारी, निवासी महुआखेड़ा, विदिशा को मुख्यमंत्री कमलनाथ का मैसेज मिला कि 31 मार्च 2018 को बकाया राशि 3990 रुपए आपके खाते में जमा कर दिए गए हैं। हकीकत ये है कि इन पर दो लाख रुपए का कर्ज था। राज्य सरकार की जीरो फीसदी योजना का लाभ लेने के लिए साहूकार से उधार लेकर 31 मार्च 2018 के दो दिन पहले कर्ज की राशि जमा कर दी। तिवारी का कहना है कि सरकार ने कैबिनेट फैसले के बाद प्रचारित किया था कि 12 दिसंबर तक के कर्ज माफ होंगे, जिन्होंने कर्ज जमा कर दिया है उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा पर वादा पूरा नहीं किया।

मामला-2 : अरविंद सिंह बघेल, ग्राम अरवरिया, विदिशा। कर्ज 2 लाख 40 हजार रुपए था, लेकिन मैसेज मिला 38 हजार 891 रुपए जमा कराने का। कल्याण सिंह बघेल को 5690 रुपए माफी का मैसेज मिला। इसी तरह महाराज सिंह बघेल को 6740 रुपए जमा कराने का संदेश मिला, उन पर भी एक लाख का कर्ज बकाया है।

मामला- 3 : खंडवा के ग्राम बावड़िया काजी के किसान पन्नालाल भाईराम ने बड़गांव गुर्जर सहकारी समिति से करीब डेढ़ लाख रुपए का कृषि ऋण लिया था। यह ऋण 31 मार्च 2018 से पहले किसान द्वारा चुका भी दिया गया है। किसान ने बताया कि कर्ज चुकाने के बाद भी सरकार उसे कर्ज माफी की सूची में रख रही है।

अधिकांश को राहत कम : नीमच में 91 हजार 293 किसानों ने कर्ज माफी के आवेदन जमा कराए। इनमें से 88 हजार 117 आवेदनों की ऑनलाइन एंट्री भी कर दी गई थी, लेकिन 39 हजार को ही लाभ मिला। इनमें अधिकांश किसानों की कर्ज माफी की राशि एक हजार से 50 हजार रुपए के बीच है। नयागांव की रतन बाई पुरोहित ने बताया मेरा सिर्फ 8140 रुपए का कर्ज माफ हुआ। कृषि विभाग के उप संचालक एनएस रावत ने बताया हमने कर्ज माफी योजना में एक हजार रुपए से कम की राशि के प्रकरणों को शामिल नहीं किया है।

कर्ज एक लाख, प्रमाण-पत्र में 41 हजार माफ

खरगोन जिले के भीकनगांव तहसील के ग्राम कालधा के कृषक महेश पिता गेंदालाल ने बताया कि उन्होंने सहकारी संस्था से एक लाख रुपए का कर्ज लिया था परंतु ऋ ण माफी योजना के अंतर्गत उन्हें जो प्रमाण-पत्र दिया गया है, उसमें केवल 41 हजार रुपए माफ होना बताया गया है। ऐसे ही अन्य किसान भी है जिन्हें अब तक कर्ज माफी का प्रमाण-पत्र नहीं मिला है। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष श्यामसिंह पंवार ने बताया कि जिले में केवल 10 प्रतिशत किसानों का ही कर्ज माफ हुआ है।

कर्ज डेढ़ लाख का, माफ हुए 2196 रुपए

बड़वानी के भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष मंशाराम पंचाले ने बताया कि दो लाख के कर्ज पर महज 20 हजार 444 रुपए की कर्ज माफी का प्रमाण-पत्र मिला है। वहीं ग्राम मेणीमाता के किसान चमा पिता भाणिया ने बताया कि उस पर डेढ़ लाख का कर्ज है और उसे महज 2 हजार 196 रुपए की कर्ज माफी का प्रमाण-पत्र दिया गया है।

वादा पूरा नहीं हुआ

प्रदेश में कांग्रेस ने किसानों से कर्ज माफी का जो वादा किया गया था, वह आज तक पूरा नहीं हुआ। ऐसा ही वादा इन्होंने पंजाब, कर्नाटक की जनता से भी किया था, मगर आज तक वहां की जनता कर्ज माफी की राह देख रही है। – राकेश सिंह, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा

किसानों के साथ धोखा

कर्ज माफी के नाम पर सत्ता में आई कमलनाथ सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों के खाते में अब तक 4000 रुपए भी नहीं पहुंचे हैं। – नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री

किसान धैर्य रखें

हमने चुनौती स्वीकार की है और अब तक 24 लाख 84 हजार किसानों का कर्ज माफ किया है। किसानों के हित के इस निर्णय को लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत भाजपा संकीर्ण मानसिकता से देख रही है। उन्हें लगता है कि कमलनाथ सरकार के इस निर्णय से उन्हें लोकसभा चुनाव में नुकसान होगा, इसलिए वे भ्रम फैलाकर किसानों का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। आचार संहिता खत्म होते ही यह अभियान फिर शुरू होगा, किसान भाई धैर्य रखें। – कमलनाथ, मुख्यमंत्री, मप्र

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