Home समाचार कमलनाथ सरकार को झटका, मप्र हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर लगाई रोक

कमलनाथ सरकार को झटका, मप्र हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर लगाई रोक




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जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी है। जस्टिस आरएस झा व संजय द्विवेदी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि 25 मार्च से होने वाली एमबीबीएस की काउंसिलिंग ओबीसी के 14 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर की जाएगी। जबलपुर निवासी असिता दुबे, भोपाल निवासी ऋचा पांडे और सुमन सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 16 में प्रावधान है कि एससीएसटी-ओबीसी को मिलाकर आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

वर्तमान में एससी को 16 प्रतिशत, एसटी को 20 और ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने 8 मार्च को अध्यादेश जारी कर ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढाकर 27 कर दिया, जो कि असंवैधानिक है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और डीएमई को भी नोटिस जारी किया है।

कांग्रेस के ओबीसी नेता लोकसभा चुनाव में अपनी प्रदेश सरकार के ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को जनता के बीच ले जाने की तैयारी कर रहे थे। वे अब लोकसभा चुनाव में भी आबादी के आधार पर अपने जीतने वाले नेताओं के लिए टिकट की दावेदारी में भी जुटे थे। हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक से उन्हें बड़ा झटका लगा है।

अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को कई लोग पहले ही गैरकानूनी बता चुके थे। इनका मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा किसी भी सूरत में नहीं हो सकता है। प्रदेश में पहले से अनुसूचित जाति और जनजातियों को 36 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत था, जिसे बढ़ाकर कमलनाथ सरकार ने 27 प्रतिशत कर दिया गया।

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