लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की शिकस्त के बाद मध्य प्रदेश में सरकार गिरने की अटकलें तेज हो गई हैं. राज्य का सियासी पारा चढ़ने लगा है. इस बीच, कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को सावधान रहने को कहा है. कमलनाथ ने सभी मंत्रियों और विधायकों से कहा कि एकजुट रहकर विपक्ष की सभी साजिशों को नाकाम करना है. कमलनाथ ने इस विषम परिस्थिति से निपटने के लिए एक नायाब तरीका निकाला है.
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक-एक मंत्री को पांच-पांच विधायकों को संभालने और उनकी देखरेख करने की जिम्मेदारी दी है, ताकि विधायकों में किसी तरह का असंतोष न फैले.
दरअसल, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मध्य प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा. राज्य की 29 लोकसभा सीटों में से पार्टी को केवल एक सीट पर ही जीत मिली है. बेहद खराब प्रदर्शन के बाद मध्य प्रदेश में सियासत गरमा गई है.
बीजेपी चाहती है शक्ति परीक्षण
पिछले हफ्ते भोपाल में बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने की बात की थी. तब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार को कोई संकट नहीं है. अब कांग्रेस नेता ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के 27 कैबिनेट सहयोगियों में से हर एक को पांच-पांच विधायकों की देखभाल करने के लिए कहा है.
कांग्रेसी नेता के अनुसार, कमलनाथ ने सभी विधायकों के एकजुट रहने और उनकी समस्याओं के त्वरित निवारण कराने का निर्देश दिया है. एक निर्दलीय विधायक भी कमलनाथ की कैबिनेट का हिस्सा है. मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 में से कांग्रेस ने 114 और बीजेपी ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि राज्य में सरकार के गठन के लिए 116 की संख्या चाहिए थी. तब कांग्रेस ने बीएसपी के दो, एसपी के एक और निर्दलीय चार विधायकों के समर्थनी से सरकार बनाई थी.
कांग्रेस ने राज्य में 15 साल के इंतजार के बाद सत्ता में वापसी की है. कांग्रेस नेता ने कहा कि कमलनाथ ने रविवार को मंत्रियों के साथ दो बैठकें की. उसके बाद विधायकों की देखभाल की बात की गई.