फाइटर प्लेन उड़ाने वाले पायलट अब आपको देश-विदेश की सैर कराएंगे. एयरफोर्स, नेवी और सेना के पायलट अब इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया जैसी एयरलाइंस के विमान उड़ाते नजर आएंगे. सरकार, सेना के पायलटों को सिविल पायलट बनाने के लिए नियमों में बदलाव कर सकती है. सिविल एविएशन में पायलटों की कमी और विदेशी पायलटों को मोटी तनख्वाह से निजात के लिए ये फैसला लिया जा सकता है.
एविएशन मंत्रालय ने इससे जुड़े नियमों को अंतिम रुप देने के लिए हाल ही में एयरफोर्स, नेवी और आर्मी के उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की है. 10 से 12 परसेंट की तेजी से बढ़ रहा भारतीय एविएशन सेक्टर इन दिनों पायलटों की भारी कमी से जूझ रहा है.
सेंटर फॉर एशिया पैसेफिक एविएशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में भारत में 800 पायलट की जरूरत है. यह कमी पूरा करने के लिए सेना के पायलट बेहतर विकल्प हो सकते हैं. जानकारों की मानें तो सेना में पायलटों की ट्रेनिंग बेहद कड़ी और बेहतर होती है. लेकिन फिर भी पैसेंजर या कार्गों एयरलाइंस उड़ाने के लिए उन्हें साधारण ट्रेनिंग से गुजरना होगा.