Home छत्तीसगढ़ ग्रामीणों ने एक सुर में कहा-हर गांव में बने ऐसे गौठान

ग्रामीणों ने एक सुर में कहा-हर गांव में बने ऐसे गौठान




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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को कोरबा जिले के पाली विकासखंड के केराझरिया गांव पहुंचे और आदर्श गौठान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने गौठान में चौपाल लगाई और ग्रामीणों से सीधी बात की। बघेल ने ग्रामीणों को नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के फायदे बताए और इस योजना से जुडऩे की अपील की। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से इस योजना का जब फीडबैक लिया तो सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में योजना बढिय़ा है, हर गांव में ऐसे गौठान बनना चाहिए कहकर सरकार की इस योजना पर मोहर लगा दी। इस दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव, राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक कटघोरा पुरुषोत्तम कंवर, विधायक पाली-तानाखार मोहित केरकेट्टा, विधायक रामपुर ननकीराम कंवर, पूर्व विधायक ोधराम कंवर, मुख्य सचिव सुनील कुजूर, अपर मुख्य सचिव आरपी मंडल सहित कलेक्टर किरण कौशल, एसपी जितेन्द्र सिंह मीणा और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
 चौपाल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की परंपरागत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के विकास से गांवों में आर्थिक समृद्धि आएगी और ग्रामीणों की माली हालत सुधरेगी। बघेल ने ग्रामीणों को बताया कि गौठानों के साथ लगी हुई जमीन पर लगभग 12 एकड़ रकबे में पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था की गई है। इस चराई भूमि पर नेपियर घास, मक्का, ज्वार जैसी चारे की फसलें लगाई गई हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केराझरिया के गौठान में पशुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं का घूमकर जायजा लिया। उन्होंने गौठान में बने कोटनों, शेड, पैरा मचान, सोलर पंप से पानी की व्यवस्था, पैराकुट्टी मशीन सहित चारागाह तक का अवलोकन किया और अच्छी व्यवस्था पर खुशी जाहिर करते हुए कलेक्टर सहित सभी अधिकारियों की तारीफ  की। मुख्यमंत्री ने चौपाल में कहा कि अंबिकापुर के सरगांव प्रवास के दौरान महिला सपना बैरागी ने गौठानों में काम करने वाले लोगों के लिए शौचालय की कमी की तरफ  ध्यान आकृष्ट कराते हुए गौठानों में शौचालय बनाने का सुझाव दिया था। मुख्यमंत्री ने बैरागी के इस महत्वपूर्ण सुझाव को अपनी योजना में शामिल करते हुए गौठान में काम करने वाले महिलाओं और पुरुषों के लिए तत्काल शौचालय बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए। 

228 वनवासियों को मिले वन अधिकार पत्र 
 चौपाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केराझरिया और आसपास के गांवों के 228 वनवासियों को वन अधिकार पत्र के माध्यम से काबिज भूमि का मालिकाना हक देने की भी घोषणा की। इसमें से 208 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र और 20 सामुदायिक वन अधिकार पत्र हितग्राहियों को मिले। व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों में से भी अनुसूचित जनजाति के 102 हितग्राहियों को वन भूमि पर लंबे समय से काबिज होने के कारण काबिज भूमि का मालिकाना हक दिया गया जबकि 106 वन अधिकार पत्र गैर परंपरागत वनवासियों को दिए गए।   
भूपेश बघेल की चौपाल में पोंड़ी के ग्रामीणों ने पटवारी की जमकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच कर पटवारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश कलेक्टर किरण कौशल को दिए।  

जब मुख्यमंत्री ने स्वयं पकड़ी कौशिल्या के लिए माइक 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आज केराझरिया में आयोजित चौपाल में चौंकाने वाला वाकया हुआ।  हुआ यूं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चौपाल में उपस्थित ग्रामीणजनों को खेतों में जैविक खाद के उपयोग से उत्पादन बढ़ाने के तरीके बता रहे थे, तभी अचानक पास खड़ी महिला कौशिल्या डिक्सेना ने भी जैविक खाद बनाने के तरीके और उससे होने वाले फायदे मुख्यमंत्री को बताना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री ने कौशिल्या की ओर अपनी स्वयं की माइक कर दी और जब तक कौशिल्या बोलती रहीं, बघेल अपने हाथों में माइक पकड़े रहे।  कौशिल्या ने बड़े ही सहज और बेबाकी पूर्ण ढंग से ग्रामीणों को मवेशियों के गोबर, गौमूत्र और पेंड़ों के सूखे पत्तों जैसे कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाने का तरीका बताया। इस पर मुख्यमंत्री ने कौशिल्या की तारीफ  की।  मुख्यमंत्री ने इसी दौरान केराझरिया की एक अन्य महिला संतोषी महंत द्वारा नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना पर रचित गीत भी सुना और उस गीत की आडियो सीडी का भी विमोचन किया।