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Jet Airways के दोबारा शुरू होने की उम्मीद ‘खत्म’, दिवालिया अर्जी पर आज से सुनवाई




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कर्ज में डूबी जेट एयरवेज की दोबारा उड़ान की उम्‍मीदें अब समाप्‍त होती दिख रही हैं. दरअसल,  भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में बैंकों के ग्रुप ने जेट एयरवेज के भविष्‍य को लेकर बैठक की. इस बैठक में एयरलाइन को फिर खड़ा करने के लिए की जा रही कोशिशें छोड़ने का फैसला किया गया. जेट एयरवेज के खिलाफ बैंकों ने मंगलवार को NCLT में दिवालिया याचिका दाखिल कर दी है, जिस पर आज से सुनवाई शुरू होगी.

कभी जेट एयरवेज देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एयरलाइन के तौर पर जानी जाती थी. 25 साल पहले इस एयरलाइन को टिकटिंग एजेंट से उद्यमी बने नरेश गोयल ने शुरू किया था. नकदी संकट और एयरलाइन को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों को भुगतान नहीं कर पाने की वजह से बीती 17 अप्रैल से जेट एयरवेज का परिचालन बंद है.

जेट के पास कर्मचारियों की सैलरी के बकाया हैं 3,000 करोड़ रुपये

जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंक पिछले पांच महीने से एयरलाइन को चलती हालत में बेचने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कई कारणों से वे अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाए. बैंकों के अलावा एयरलाइन पर उसे माल और सेवाएं देने वालों का 10,000 करोड़ रुपये और कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपये का बकाया है. जेट एयरवेज के कर्मचारियों की संख्या 23,000 है.

पिछले कुछ साल के दौरान जेट एयरवेज का कुल नुकसान 13,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. इस तरह एयरलाइन पर कुल 36,500 करोड़ रुपये का बकाया है. घरेलू हवाई अड्डों पर एयरलाइन के स्लॉट सरकार ने अन्य विमानन कंपनियो को दे दिए हैं. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भी उसके कुछ स्लॉट अन्य एयरलाइन को दिए गए हैं.