भारत में शराब से होने वाली मौतों के कारणवर्ष2011 से 2050 तकज़िंदगीके 25.8 करोड़वर्षका नुकसान हुआ है.साथ ही इससे हरवर्षजीडीपी को भी 1.45प्रतिशतका नुकसान हुआ है.
ये बात तीन डॉक्टरोंवदो पब्लिक रिसर्चर द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आई है.जिसेअंतर्राष्ट्रीयजनरल ऑफ ड्रग पॉलिसी में प्रकाशित किया गया है.इस अध्ययन में शराब से होने वाली बीमारियों/घटनाओंवउनसे होने वाले नुकसान का विश्लेषण किया गया है.इन बीमारियों में लीवर की बीमारी, कैंसरवसड़कएक्सीडेंटके आंकड़ों का विश्लेषण किया गया.
इससे 2050 तक प्रतिआदमीज़िंदगीके 75 दिन कम हुए हैं.इस अध्ययन का शीर्षक है, ‘हेल्थ इम्पैक्ट एंड इकोनॉमिक बर्डन ऑफ अलकोहल कंसम्पशन इनइंडिया’.इससे पहले राष्ट्रीय सर्वे में पता चला था कि 5.7 करोड़हिंदुस्तानियोंको शराब के कारण होने वाले नुकसानों से तत्काल मदद कीआवश्यकताहै.राष्ट्रीय सर्वे रिपोर्ट को नेशनल ड्रग्स डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर ऑफ एम्स द्वारा तैयार किया जाता है.
इसमेंबोलागया है कि शराब के सेवन सेज़िंदगीके 25.8 करोड़वर्षका नुकसान हुआ है.वहींहिंदुस्तानसे शराब के सेवन कोखत्मकरके 55.2 करोड़वर्षकीज़िंदगीगुणवत्ता प्राप्त हुई है.हिंदुस्तानमें शराब के उपयोग के दीर्घकालिकअसरपर अध्ययन में शराबबंदी की वकालत नहीं की गई है, बल्कि इसमें जागरुकता, बिक्रीवरोकथाम की रणनीतियों पर अधिक ध्यान दिया गया है.
ये अध्ययन सरकारी आंकड़ों के स्त्रोत पर आधारित हैं.जैसे, नेशनल सैंपल सर्वेकार्यालय2015, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4, रिजर्व बैंक ऑफइंडिया, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ेवदुनियास्वास्थ्य संगठन के आंकड़े.