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मैसूर में खुदाई में निकली भगवान शिव के वाहन नंदी बैल की सदियों पुरानी प्रतिमाएं




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कर्नाटक में मैसूर के पास एक सूखी झील से सैकड़ों वर्ष पुरानी भगवान शिव की सवारी नंदी बैल की दो प्रतिमाएं खुदाई के दौरान सामने आई हैं। जानकारी के अनुसार, मैसूर से करीब 20 किमी दूर बसे अरासिनाकेरे की एक सूख चुकी झील में नंदी बैल की सदियों पुरानी प्रतिमाओं की यह जोड़ी खुदाई के दौरान मिली है।

बताया जा रहा है कि खुदाई करके मूर्तियों को बाहर निकालने का काम यहां के स्थानीय निवासियों ने ही किया है। सोशल मीडिया के अनुसार, अरासिनाकेरे के बुजुर्ग इस झील में नंदी की प्रतिमाएं होने की बात करते थे। जब कभी झील में पानी का स्तर कम होता था, तो कहा जाता था कि प्रतिमाओं का सिर नजर आता है। बताया जा रहा है कि इस वर्ष नदी के पूरे तौर पर सूख जाने बाद यहां के स्थानीय निवासियों ने इस जगह पर खुदाई कर सच को जानने का मन बनाया।

खबरों की मानें तो, स्थानीय लोगों ने झील की तीन से चार दिनों तक खुदाई की। इस दौरान उन्होंने खुदाई का काम अच्छी तरह से करने के लिए जेसीबी मशीन भी मंगवाई. वहीं, करीब चार दिनों तक चली खुदाई के बाद झील की जमीन के अंदर दबी नंदी बैल की प्रतिमाओं को बाहर निकाल लिया गया है। वहीं, इस बात की जानकारी लगने पर पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की एक टीम भी वहां पहुंच चुकी है। दावा किया जा रहा है कि ये मूर्तियां विजयनगर काल के बाद की हैं. यह 16 वीं या 17 वीं शताब्दी की हो सकती हैं।