खाना बर्बाद करने वाले होटल, रेस्तरां और शादीघरों पर पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा। एफएसएसएआई ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे मंजूरी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेजा जाएगा।
नियमन क्यों : सूत्रों ने कहा कि होटल, रेस्तरां से लेकर शादी-ब्याह में खाने की बर्बादी आम है। बचे हुए खाने को कहां और कैसे इस्तेमाल करना है, इसका पता अधिकतर लोगों को नहीं होता है। न ही इस बर्बादी को रोकने के लिए कोई पहल करना चाहता है। इसलिए अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) बचे हुए खाने के इस्तेमाल को लेकर एक नियमन लेकर आने वाला है।
गुणवत्ता पर नजर : सूत्रों ने कहा कि कई गैर सरकारी संगठन होटल-रेस्तरां और शादीघरों से बचा हुआ खाना लेकर गरीबों में बांटने का काम कर रहे हैं, लेकिन इस खाने की गुणवत्ता को लेकर कोई मानक नहीं है। नए मसौदे में इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया गया है।
पंजीकरण कराना होगा : नई व्यवस्था के तहत होटल, रेस्तरां व शादीघरों के संचालकों को एफएसएसएआई की वेबसाइट पर पंजीकृत किया जाएगा। वहीं खाना बांटने के लिए एनजीओ अधिकृत किए जाएंगे।।
खाद्य आयुक्त की निगरानी : मसौदे के अनुसार, सभी राज्यों में खाद्य आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनेगी। यह समिति दान में दिए गए भोजन की निगरानी करेगी और व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव देगी।
करोड़ टन खाना हर साल देश में बर्बाद होता है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक।
ये होंगी शर्तें
* बचे हुए खाने में हाइजिन और सफाई का खास ध्यान रखना होगा। खाना पैकेज्ड है तो उस पर असली लेबल होना चाहिए।
* खाने पर एक्सपायरी डेट, शाकाहारी या मांसाहार जैसी जानकारियां लिखनी होगी।
* दानकर्ता और दान लेने वाली संस्था को हर पैक के वितरण का रजिस्टर रखना अनिवार्य होगा।
*बचे हुए खाने को अच्छे से पैक कर सात डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना जरूरी होगा।