सावन के इस महीने में जहां हर तरफ जय भोलेनाथ का उद्घोष सुनने को मिल रहा है. वहीं यूपी से कुछ ‘दैवीय चमत्कार’ की भी खबरें आ रहीं हैं. कई जिलों से ऐसी खबरें आई हैं कि नंदी भगवान दूध पी रहे हैं. मैनपुरी और पीलीभीत में जैसे ही लोगों को ये खबर लगी, उन्होंने एक दूसरे को मैसेज करना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे पूरे शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई. इसके बाद शहर के तमाम शिव मंदिरों के बाहर लोगों का तांता लगने लगा.
पीलीभीत के बाद मेरठ में भी इस खबर ने जोर पकड़ा. न्यूज18 ने जब मंदिर में जाकर इस खबर की पड़ताल की तो पाया कि लोग सिर्फ अफवाहों को सुनकर नंदी की प्रतीमा को दूध पिला रहे थे और जय भोले के जयकारे लगा रहे थे. हालांकि लोगों ने कहा कि ये आस्था का विषय है, कुछ लोगों को ऐसा लगा होगा कि नंदी दूध पी रहे हैं पर ऐसा है नहीं.
24 साल पहले गणेश की प्रतीमा ने पिया था दूध
सबसे पहले 1995 में 21 सितंबर (गणेश चतुर्थी) को यह अफवाह फैली थी कि गणेश प्रतिमाएं दूध पी रही हैं. देखते ही देखते मंदिरों में भीड़ लग गई. न्यूज चैनलों पर अटलजी समेत कई नेता गणेशजी को दूध पिलाते दिख रहे थे. इसके बाद लोगों ने एक दूसरे को फोन करके इसकी सूचना दी. जिसको जहां जानकारी लगी, गणेश मंदिर का पता पूछ वहां पहुंच गया. और गणेश प्रतिमाएं वैसे ही दूध को पीती रहीं. इसके बाद समय-समय पर दूसरे देवी-देवताओं के दूध पीने की खबर भी आती रहीं.
जैसे ही गणेशजी के दूध पीने की खबरें फैली, वैज्ञानिकों ने तुरंत यह कहकर रिएक्ट किया कि यह नेचुरल साइंस है, लेकिन वे यह नहीं बता पाए कि ऐसा नेचुरल करिश्मा पहले कभी क्यों नहीं हुआ और केवल 24 घंटे तक ही क्यों चला? हालांकि कुछ ही समय बाद उन्होंने महसूस किया कि यह चमत्कार विज्ञान के दायरे से बाहर है.