TikTok प्लेटफॉर्म पर गैरकानूनी और अश्लील कंटेंट वाले वीडियोज़ बनाना सख्त मना है. गैरकानूनी कंटेट को लेकर हाल ही में सरकार ने टिक-टॉक से सवाल पूछा है. राज्यसभा में पूछे सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि टिकटॉक द्वारा गैरकानूनी कटेंट फैलाए जाने को लेकर कई रिपोर्ट्स थीं, जिसके बारे में सरकार ने टिकटॉक से विस्तृत जानकारी मांगी है.
गृह राज्यमंत्री ने कहा, ‘आईटी ऐक्ट, 2000 के अनुसार टिक-टॉक एक इंटरमीडियटरी है. इस संदर्भ में आईटी ऐक्ट के तहत गैर-कानूनी कटेंट को ऑनलाइन रिमूव किया जा सकता है. आईटी ऐक्ट का सेक्शन 79 कहता है कि इंटरमीडियरी इस बात का ध्यान रखेंगे कि किसी भी तरह का नुकसानदायक या गैर-कानूनी कंटेट को न फैलाया जाए. साथ ही कहा गया है कि जब भी कोई गैर-कानूनी कंटेट इंटरमीडियरी की जानकारी में कोर्ट या सरकार द्वारा लाया जाता है तो उनसे उम्मीद की जाती है कि वे उस कंटेट को हटा दें.
बैन हुए 60 लाख वीडियो बता दें कि हाल ही में tiktok ने अश्लील कंटेंट और पॉलिसी का उल्लघंन करने वाले 60 लाख वीडियो डिलीट किए हैं. कंपनी ऑफिशियल ने बताया कि ये वीडियोज़ भारत की गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रहे थे. वीडियो बैन करने का मकसद TikTok प्लेटफॉर्म से गैरकानूनी और अश्लील कंटेंट को हटाना था.
टिक टॉक’ के दुनिया भर में 80 करोड़ यूजर्स हैं. TikTok की पैरेंट कंपनी Beijing Bytedance Technology Co. ने बताया कि भारत में ऐप के 20 करोड़ से ज्यादा यूज़र्स हैं. TikTok इंडिया के डायरेक्टर (सेल्स एंड पार्टनरशिप्स) सचिन शर्मा ने कहा है कि कंपनी अपनी कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन करते कंटेंट का किसी तरह समर्थन या प्रमोशन नहीं करती.
इस ऐप में लोगों को कुछ ही सेकेंड लंबे वीडियो शेयर करने की अनुमति दी जाती है. यूजर्स ‘टिक टॉक’ का इस्तेमाल तमाम तरह के वीडियो अपलोड करने और शेयरिंग में कर रहे हैं. इनमें चुटकुलों से लेकर गंभीर राजनीतिक और सामाजिक कमेंट्री जैसा कंटेंट भी होता है.