मप्र के छतरपुर में स्थिति बंदर हीरा खदान से 60 हजार करोड़ रुपए का हीरा निकाला जाएगा। इसके पहले इस खदान से रियो-टिंटो कंपनी ने भी हीरा निकाला था, लेकिन बाद में 2200 कैरेट का हीरा निकालने के बाद यह कंपनी मैदान छोड़कर भाग गई। सरकार अब इस हीरा खदान की नीलामी करने जा रही है और इसके लिए टेंडर लेने का काम बड़ी-बड़ी कंपनियों ने प्रारंभ कर दिया है।इसी कड़ी में अडानी ग्रुप समूह, कुमार मंगलम बिड़ला तथा भारत सरकार की संस्था एनएमडीसी ने भी टेंडर डाउनलोड किया है। इसके अलावा देश-विदेश की 100 अन्य कंपनियों ने यह टेंडर लेने के लिए इच्छा जताई है, मगर उससे पहले वे बंदर खदान से निकाले गए हीरे को देखना चाहती है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि इसकी कीमत अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में क्या हो सकती है। अभी तक पन्ना जिले से ही वर्ष 2014-15 में 36 हजार 107 कैरेट, वर्ष 2015-16 में 36 हजार 44 कैरेट, वर्ष 2016-17 में 46 हजार 491 कैरेट तथा वर्ष 2017-18 में 39 हजार 699 कैरेट हीरा निकाला गया है, जबकि छतरपुर की बंदर खदान में इस समय 34.2 मिलियन कैरेट हीरा उपलब्ध है। हीरा निकालने के लिए जिस भी कंपनी का टेंडर स्वीकृत होगा, उसे 15 से 20 साल का ठेका दिया जाएगा।
60 हजार करोड़ मिलेंगे
वर्तमान में बंदर खदान 364 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है और यह पूरी भूमि फॉरेस्ट लैंड की है। वर्ष 2007 में यह खदान रियो टिंटो कंपनी को सर्वेक्षण के लिए दी गई थी। इस दौरान रियोटिंटो ने 2200 कैरेट हीरा बंदर खदान से निकाला था। कंपनी ने इससे कही ज्यादा हीरा निकाला और जब विवाद बढ़ा तो रियो-टिंटो मैदान छोड़कर भाग गई। अब नए सिरे से सरकार ने इस हीरा खदान के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए हैं। टेंडर की अंतिम तिथि 26 अगस्त है, परन्तु कुछ कंपनियों ने तिथि बढ़ाने और कलेक्टर कार्यालय के अधीन रखे हुए हीरे को दिखाने की मांग की है। इस मामले में सोमवार को विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों तथा खनिज विभाग के अधिकारियों के बीच एक मीटिंग भी हुई, जिसमें अनेक मुद्दों पर सहमति बनी।