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पाकिस्तान को 160 करोड़ रुपये का ‘झटका’ आगरा के फुटवियर उद्यमियों ने दिया..




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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को भारत के साथ व्यापार खत्म करने का एलान किया, लेकिन उनके इस एलान से पहले ही आगरा के लेदर फुटवियर उद्यमी पाकिस्तान को जोर का झटका दे चुके हैं। पाकिस्तान के प्रमुख शहरों लाहौर और कराची की टेनरियों से 160 करोड़ रुपये का लेदर मंगवाना आगरा के उद्यमियों ने बंद कर दिया है। इसकी जगह मिस्र, रूस और यूरोप के कुछ शहरों से निर्यातक लेदर मंगवा रहे हैं। काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017-18 में पाकिस्तानी टेनरियों से 160 करोड़ रुपये का चमड़ा आयात किया गया। 2018 में पाकिस्तान से भारत सबसे ज्यादा 37 फीसदी कॉटन और 20.83 फीसदी लेदर का आयात हुआ था।

शहर के लेदर फुटवियर निर्यातकों ने फरवरी में पुलवामा हमले के बाद ही तय कर लिया था कि वो पाकिस्तानी लेदर का इस्तेमाल नहीं करेंगे। 200 फीसदी आयात शुल्क के कारण यह वैसे भी महंगा सौदा साबित होता, ऐसे में अन्य देशों को लेदर सप्लाई करने का मौका मिला। पाकिस्तान के लिए यह सबसे ज्यादा झटके वाला कदम रहा है।

मिस्त्र से आ रहा लेदर एफमेक के जूता निर्यातक नजीर अहमद ने बताया कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते तनाव भरे रहे हैं। इसलिए वहां से लेदर मंगवाना पसंद नहीं करते। मिस्र से बड़े पैमाने पर लेदर आना शुरू हुआ है। पाकिस्तान को इससे नुकसान है, हमें दूसरे देशों से अच्छी क्वालिटी का लेदर मिल रहा है।

नार्दन रीजन काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट के चेयरमैन पूरन डावर ने कहा कि पाकिस्तान से लेदर की आपूर्ति आगरा में जूता इकाइयों को हो रही थी, लेकिन छह महीने से यह पूरी तरह से बंद है। हमने पाकिस्तानी लेदर की जगह अन्य देशों से लेदर मंगवाना शुरू कर दिया है।

6 माह में तीन गुना महंगे हुए छुहारे

पाकिस्तान से आगरा के किराना बाजार में सबसे ज्यादा छुहारा आ रहा था, लेकिन फरवरी में पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से आने वाले सामान पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया। इससे छह महीने में छुहारों के दाम ढाई गुना हो गए।

फरवरी में छुहारे के दाम 50 से 60 रुपये किलो के भाव पर थे, लेकिन अगस्त में छुहारों के भाव 150 से 180 रुपये किलो तक हैं। ये हाल तब है जब पाकिस्तानी छुहारा श्रीलंका के रास्ते भारत में आ रहा है। सीधे पाकिस्तान से आयात की जगह यह पहले श्रीलंका के व्यापारी पर पहुंच रहा है, वहां से यह भारतीय शहरों में पहुंच रहा है।

इधर कारोबार रुका, उधर सेंधा नमक के भाव बढ़े सेंधा नमक के दाम बढ़ गए। 800 रुपये का 50 किग्रा का सेंधा नमक का पैकेट गुरुवार शाम को 1500 रुपये प्रति बैग के भाव बिका। यानी 16 रुपये किलो के भाव वाला सेंधा नमक 30 रुपये किलो के भाव पर तो थोक में ही बिक रहा है। नमक टैक्स फ्री वस्तुओं की सूची में है, लेकिन आवक बंद होने के कारण व्यापारियों ने रखे हुए स्टॉक पर फायदा उठाया और सेंधा नमक के भाव दो गुना कर दिए।

किराना कारोबारी अतुल बंसल ने कहा कि छह महीने से पाकिस्तान से छुहारे नहीं आ रहे हैं। इसकी जगह श्रीलंका के रास्ते छुहारे भेजे जा रहे हैं। इनकी कीमतों में छह महीनों में 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बाजार में छुहारे का स्टॉक भी कम है।