रेडियो एक्टिव पदार्थ की बिक्री करवाने के नाम पर 3 लोगों के साथ करीब 10 करोड़ रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। सिटी पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। नवांशहर के माडल टाउन निवासी लवदीप प्रसाद ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके दो दोस्त नई दिल्ली के रहने वाले रजिंदरा सिंह त्यागी और रदेश कुमार के साथ आरोपियों में से कुछ ने संपर्क किया।
आरोपियों ने कहा कि उनके पास एक ऐसा पदार्थ है, जिसकी मार्केट में काफी डिमांड है। यह पदार्थ खरीदने के लिए रेंसर एनर्जी मैटल लिमिटेड खरीदने के लिए तैयार है। वह खुद कंपनी के साथ कुछ शर्तों के कारण बात नहीं कर सकते। आरोपियों ने कहा कि जो पदार्थ उन्हें बेचना है, उसकी प्रति इंच कीमत 2 हजार करोड़ रुपये है, जबकि आगे 1 अरब रुपये प्रति इंच बताई।
आरोपियों ने पदार्थ का टेस्ट किए जाने की बात कहते हुए कहा कि राजस्थान के जयपुर में वैज्ञानिकों को बुलाया जाना है। इसके बारे में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) से संबंधित हैं।
इसके बाद वे एक फार्म हाउस जहां पर पदार्थ को एक कांच के बर्तन में रखा दिखाया गया। जिस पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अबदुल कलाम के मानक भी दर्शाए गए थे। वहां पर वैज्ञानिक आए, जिनकी तरफ से उन्हें 100 मीटर दूर भेज दिया गया और एक स्पेशल सूट पहन कर जांच की बात कही गई।
एक घंटे के बाद उन्होंने कहा कि पदार्थ की पैकिंग नहीं खुल रही। इसलिए इसे डीआरडीओ के जरिये दोबारा से बंद करवाना होगा। जबकि टेस्ट के लिए दोबारा से तारीख तय हुई। इस बार जोधपुर जाने की बात कही गई। इसके लिए उनसे 72 लाख रुपये की ओर मांग की गई। आरोपियों की ओर से जो गाड़ी इस्तेमाल की जाती थी, उस पर रक्षा मंत्रालय का लोगो लगा हुआ था।
एक अन्य गाड़ी में आए लोगों की तरफ से केमिकल से भरे बैग दिए गए। जिसे बाद में गलत केमिकल कह दिया गया। इसके बाद यह तय हुआ कि अब की बार यह टेस्ट डीआरडीओ राजस्थान में ही होंगे। इसके लिए 4 करोड़ 81 लाख रुपये की फीस डीआरडीओ में जमा करवाई जानी है। कंपनी के मालिक ने कह दिया कि उनके पास अब राशि नहीं है।
उन तीनों को राशि का इंतजाम करना होगा तभी टेस्ट हो सकते हैं। तय समय पर वे जोधपुर पहुंच गए। उन्हें यहां पहुंचने पर बताया गया कि कंपनी के मालिक को ब्रेन स्ट्रोक हो गया है, जिस वजह से वे यहां नहीं पहुंच सकते। इस वजह से रेडियो एक्टिव पदार्थ की जांच नहीं हो पाई।
अब दोबारा से वहां पर 4 करोड़ 81 लाख रुपये की मांग बताई गई। मेडिकल ग्राउंड का हवाला देने के चलते 40 फीसदी छोड़ दी गई। मगर इसके लिए 2 करोड़ 88 लाख 60 हजार रुपये फिर भी जमा करवाने पड़ेंगे। इस राशि का इंतजाम भी उन तीनों को ही करने की बात कही गई। यह पेमेंट नवांशहर से करने की बात कही गई।
उनकी तरफ से उन्हें यह राशि नवांशहर से आरोपियों के साथी को दी गई। रास्ते में उनकी गाड़ी को एक गाड़ी ने टक्कर मार दी। टक्कर मारने वाली गाड़ी सवारों ने उनकी गाड़ी के चालक को उठा लिया और वे उन्हें अपने साथ ले गए। इससे वे डीआरडीओ में तय समय पर नहीं पहुंच पाए और टेस्ट कैंसल हो गया।
इसके बाद उन्हें पुणे डीआरडीओ में टेस्ट का समय दिया गया, जिसके लिए उनसे 80 लाख रुपये और लिए गए। जब वे वहां पहुंचे तो पता चला कि जिस व्यक्ति के नाम पर करार था, वह करार अब खत्म कर दिया गया है। इसलिए अब टेस्ट नहीं हो सकता। इन लोगों की ओर से बार-बार समय व जगह बदलने की बातें सुन उन्हें लगने लगा कि उनके साथ शायद कुछ गलत हो रहा है। इसके बाद कुछ लोगों के साथ उनका संपर्क नहीं हो पाया।
इनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कुलजीत सिंह ने बताया पुलिस ने ठगी के आरोप में जयपुर के रहने वाले विनय अग्रवाल, उसकी पत्नी खुशबू अग्रवाल, पिता विकास पौडर, विजय अग्रवाल, भवानी सिंह शेखावत, दारा राथोर, मेसर्स रेंसर एनर्जी एंड पुणे सिटी के डायरेक्टर अमित गुप्ता, गुप्ता की पत्नी रैसलस की डायरेक्टर, नवीं मुंबई के रहने वाले गनेश इंगोले, इंगोले की पत्नी, नवीं मुंबई के राकेश गोयल, मेसर्स सिंघा हार्डवेयर नवांशहर, अग्रवाल की पत्नी निवासी आसाम, मेसर्स रेंसर एनर्जी एंड मेटल लिमिटेड कंपनी के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।