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Man Vs Wild: इस वजह से नहीं मिला मौका, बेयर ग्रिल्‍स इंडियन आर्मी में होना चाहते थे भर्ती




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डिस्कवरी चैनल के ‘मैन वर्सेस वाइल्‍ड’ (Man Vs Wild) में आपने बेयर ग्रिल्‍स को दर्जनों खतरनाक जगहों पर जाते देखा होगा. इस बार इस खास एपिसोड को उत्‍तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में शूट किया गया है. घने जगलों के बीच जाकर नई-नई चीजें ढूंढने वाले बेयर की बस इतनी ही खूबी नहीं है. उन्‍होंने अपने अब तक के जीवन में बहुत कुछ किया है. आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ और भी.

ग्रिल्‍स का वास्‍तविक नाम बेयर नहीं है
मिस्‍टर ग्रिल्‍स का वास्‍तविक नाम बेयर नहीं है. उनका असली नाम एडवर्ड माइकल ग्रिल्‍स है. उनकी बहन उन्‍हें बचपन से ग्रिल्‍स बुलाती थीं. समय के साथ उनका निकनेम ही उनकी पहचान बन गया. हालांकि, जंगलों में किए गए उनके साहसिक कार्यों को देखते हुए उनका बेयर नाम ही सही लगता है. शायद उनकी बहन ने बचपन में उनका नाम चुनते समय ही उनका भविष्‍य तय कर दिया था.

स्‍कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद ग्रिल्‍स भारतीय सेना (Indian Army) में भर्ती होना चाहते थे. उन्‍होंने सिक्किम और पश्चिम बंगाल के हिमालयी पर्वतों को नापने में भी समय बिताया था. एक इंटरव्यू के दौरान ग्रिल्‍स ने बताया था कि ब्रिटिश आर्मी ज्‍वॉइन करने से पहले मैंने कुछ समय भारत में बिताया था. मैं पश्चिम बंगाल और दार्जिलिंग भी गया था. हम कोलकाता भी गए और कुछ समय भारतीय सेना के साथ भी बिताया. मुझे भारत से बहुत लगाव है. मैं वहां लंबे समय के लिए जाना चाहता हूं.

बेयर ग्रिल्‍स मार्शल आर्ट में पूरी तरह प्रशिक्षित हैं. उन्‍होंने शतोकन कराटे में ब्‍लैक बेल्‍ट सेकेंड डेन हासिल किया है. वह ब्रिटेन (Britain) की स्‍पेशल फोर्सेस एसएएस (SAS) में सेवाएं देते हैं. बेयर का 1996 में जब मौत से आमना-सामना हुआ, तो वह उसे चकमा देकर बच निकले. दरअसल, तब वह स्‍काई डाइविंग का अभ्‍यास कर रहे थे. इसी दौरान 16,000 फीट की ऊंचाई पर उनका पैराशूट फट गया. इसके बाद वह तेजी से जमीन की ओर गिरने लगे. इस दुर्घटना में उनकी रीढ़ की हड्डी तीन जगह से टूट गई थी.

1998 में बेयर ने एवरेस्‍ट कर डाला फतेह
रीढ़ की हड्डी टूटने के दो साल से भी कम समय बाद बेयर ने 18 मई, 1998 को एवरेस्‍ट (Everest) पर फतेह हासिल की. उस समय वह महज 23 साल के थे. उनके नाम सबसे कम उम्र में एवरेस्‍ट फतेह करने का रिकॉर्ड दर्ज है. उन्‍होंने 1997 में नेपाल में अमा डबलाम को लांघा. इस पर्वत पर चढ़ने वाले सर एडमंड हिलेरी ने इसे दुष्‍कर चढ़ाई बताया था. बेयर इस पर्वत पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के ब्रिटिश हैं.

आसमान में दो लोगों के साथ किया डिनर
साहसिक कामों को लेकर हमेशा उत्‍साहित रहने वाले बेयर ने 2005 में बलूनिस्‍ट (Balloonist) डेविड हेम्‍प्‍लमेन एडम्‍स और पर्वतारोही लेफ्टिनेंट कमांडर एलन वील के साथ हवा में 7,600 फीट की ऊंचाई पर डिनर किया. बेयर 2003 में उत्‍तरी अटलांटिक आर्कटिक सागर को पार करने के लिए निकल पड़े. वह पांच सदस्‍यी दल के साथ खुली नाव (Open Boat) में इस अभियान पर निकल पड़े. उन्‍होंने नोवा स्‍कॉटिया से लैब्राडोर, ग्रीनलैंड, आईलैंड से स्‍कॉटलैंड तक सफर किया.