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बरसात के मौसम में डगमगाया रसोई का बजट, आसमान छू रहे सब्जियों के दाम




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मानसूनी बारिश लोगों के लिए चौतरफा मुसीबत का सबब बनी है। लगातार हो रही बारिश से अब तो घर की रसोई का बजट भी डगमगाने लगा है, क्योंकि सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। जिसके चलते रसोई का बजट डगमगा गया है।रजौली सब्जी मंडी में आसपास के गांव के व्यापारी भी सब्जी लेने आ रहे हैं। रजौली अनुमंडल के दक्षिणी भाग में सब्जी की व्यापक पैमाने पर खेती होती है। क्षेत्र में काफी संख्या में सब्जी की खेती होने के बावजूद अचानक दामों में बढ़ोत्तरी से आम लोगों की जेब पर सब्जी का स्वाद भारी पड़ने लगा है। ग्रामीण क्षेत्र में भी मौसम के कारण सब्जी की खेती प्रभावित हुई है।

कहते हैं लोग

-रजौली बाजार के गणेश सिंह, संतोष सिंह,गोरे सिंह कहते हैं कि 10 रुपये बिकने वाली सब्जी का दाम 50 से 60 रुपये हो जाने से आर्थिक बोझ बढ़ गया है। संजू कुमारी का कहना है कि सावन माह में अधिकांश लोग शाकाहारी भोजन ही करते हैं। इसी के चलते हरी सब्जियों के दाम में उछाल होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गृहणियों की मानें तो कई सब्जी प्रतिदिन बनाने के बदले एक ही सब्जी बनाकर इस महंगाई में काम चलाना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं सब्जी व्यापारी

-इकराम अंसारी सब्जी व्यापारी कहते हैं कि सब्जी की खेती पर मौसम का अत्यधिक असर पड़ रहा है। इसी के चलते स्थानीय स्तर पर सिर्फ कद्दू व नेनुआ आ रहा है। जबकि गोभी झारखंड से, टमाटर व अन्य सब्जी कर्नाटक तथा बनारस से मंगाया जा रहा है। इसके चलते सब्जियों के भाव अचानक आसमान छूने लगे हैं। इससे आम लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सब्जी का भाव प्रति किलो

भिडी : 40 रुपये

परवल : 60 रुपये

गोभी : 70 रुपये प्रति पीस

बैगन : 60 रुपये

टमाटर : 60 रुपये

कद्दू : 30-40 रुपये

करैला : 60 रुपये

मटर : 200 रुपये

बंधा गोभी : 40-50 रुपये।