मंडला के शासकीय अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के सदस्य एक डॉक्टर व एकाउंटेंट को आज शुक्रवार को जबलपुर से गई लोकायुक्त टीम ने रिश्वत में 15 हजार रुपए नगद व 10 हजार रुपए का चेक लेते रंगे हाथों धरदबोचा. डॉक्टर यह रिश्वत अस्पताल में एंटी टरमाइट व केमिकल पेस्ट कंट्रोल का काम करने वाले ठेकेदार का बिल पास करने के लिए ले रहा था.बताया जाता है कि जबलपुर के यादव कालोनी निवासी शत्रुघ्न पिता मणिराज जायसवाल 35 वर्ष को मंडला के अस्पतालों में एंटी टरमाइट व केमिकल पेस्ट कंट्रोल करने का ठेका मिला हुआ था.
इस कार्य का बिल 4 लाख 90 हजार रुपए था, जिसे पास करने के लिए शत्रुघ्न पिछले काफी दिनों से अस्पताल के डॉक्टर (डेंटिस्ट) अशोक शर्मा व एकाउंटेंट रमेश कछवाहा से गुहार लगा रहा था, लेकिन डॉक्टर शर्मा इसके लिए तैयार नहीं थे, बाद में एकाउंटेंट रमेश कछवाहा के माध्यम से डॉक्टर रिश्वत के रूप में 15 हजार रुपए नगद व 10 हजार रुपए का चेक देने पर बिल पास करने पर सहमत हुए. इस बात की शिकायत जबलपुर लोकायुक्त एसपी से की गई.
बताया जाता है कि एसपी लोकायुक्त द्वारा डॉक्टर व लेखापाल को ट्रेप करने के लिए एक टीम बनाई, जिसमें डीएसपी जेपी वर्मा, निरीक्षक कमलसिंह उईके, आरक्षक दिनेश दुबे, सुरेंद्र भदोरिया, शरद पांडे, अमित गावडे तथा आरक्षक चालक राकेश शामिल थे, आज शुक्रवार 9 अगस्त को पूर्व नियोजित व योजना के साथ मंडला पहुंचे और शत्रुघ्न जायसवाल को रंग लगे नोट व चेक लेकर जिला अस्पताल मंडला भेजा. दोपहर 1 बजे के लगभग जैसे ही डाक्टर शर्मा ने नगद 15 हजार व लेखापाल रमेश कछवाहा ने 10 हजार रुपए का चेक लिया, वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने दोनों को धरदबोचा. दोनों के हाथ धुलवाये गये तो वे गुलाबी रंग से रंग गये. जिस पर टीम ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए जांच शुरू कर दी है.