दरअसल एम्बामिंग के जरिए लाशों को लचीला और त्वचा को जवां बनाए रखा जा सकता है लाशों की एम्बामिंग में कई महीनों का समय लग जाता है इसी प्रक्रिया के जरिए किम जोंग के पिता और दादा के शवों को भी आज तक सुरक्षित करके रखा गया है
किम जोंग के पिता और दादा की लाशों की हर दो साल पर एम्बामिंग की जाती है साल 2016 में मॉस्को में रिलीज की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक इन नेताओं के शवों की पहली बार एम्बामिंग में करीब 2 लाख डॉलर यानी 1 करोड़ 41 लाख रुपये का खर्च आया था
लेनिन लैब के वैज्ञानिकों की टीम ने ही इन नेताओं के शवों को संरक्षित किया हुआ है इसी लैब के वैज्ञानिकों ने ही साल 1924 में रूसी नेता व्लादिमीर लेनिन के शव की एम्बामिंग की थी
इस पैलेस को खास तौर पर इन दोनों नेताओं के शवों को रखने के लिए ही बनवाया गया था यहां ऐसा रिवाज है कि कुमसुसन पैलेस के पास जाने वाले यात्रियों को इन शवों के सामने तीन बार झुकना पड़ता है