उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि साधारण परिवार से संबंधित होने के बाद भी भाजपा ने मुझे सबकुछ दिया। प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को छोड़कर, क्योंकि मैं इसके लिए योग्य नहीं था। रविवार को अपनी किताब ‘लिसनिंग, लर्निंग एंड लीडिंग’ के विमोचन कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि मेरी इच्छा नानाजी देशमुख की तरह रचनात्मक कार्य करने की थी। जब उपराष्ट्रपति के लिए नाम का ऐलान हुआ तो मेरी आंखों में आंसू थे। क्योंकि मुझसे कहा गया था कि अब आप भाजपा दफ्तर नहीं जा पाएंगे और न ही पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा कर पाएंगे।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने का शनिवार को यह कहते हुए समर्थन किया कि यह वक्त की मांग है। नायडू ने कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करना वक्त की मांग है… देश की सुरक्षा के लिए यह उसके हित में है। इस मौके पर मौजूद केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि विशेष दर्जे के हटने से आतंकवाद समाप्त होगा और इस क्षेत्र की तरक्की होगी।
बता दें कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले से पहले दो अगस्त को जम्मू-कश्मीर में प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा को रोक दिया था और तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को कश्मीर घाटी छोड़ने के लिए कहा था। इसके साथ ही घाटी में सख्त पाबंदियां लागू कर दी गई थीं।