जिले में बच्चा चोर गिरोह घुसने की अफवाहों से लोग सहमे हुए हैं। हर गांव व चौपाल में चोर गिरोह चर्चा का विषय बन चुका है। मामला इतना बढ़ गया है कि एसपी को सभी थाना इंचार्जों को एडवाइजरी तक जारी करनी पड़ी। इसके बावजूद लोगों में मन बैठा डर निकल नहीं रहा है। पांसरा गांव में ग्रामीणों ने भिखारी, कबाड़ियों व अन्य फेरी वालों के घुसने पर रोक लगा दी है। रविवार को इस संबंध में युवाओं की एक मीटिंग भी हुई। जिसमें युवाओं ने राय रखी। बैठक में फैसला लिया गया कि रात के वक्त ठीकरी पहरा भी दिया जाएगा। जिसमें 10 से 15 लोगों को शामिल किया गया है। इसी दौरान कुछ कबाड़ी वाले वहां से निकले तो युवाओं ने उन्हें गांव से बाहर चले जाने की हिदायत दी। वायरल विडियो से दहशत : गांव पांसरा निवासी रिंकू कंबोज, संदीप कंबोज, मुकेश कंबोज, सुभाष कंबोज, काला, मजनू व प्रवीन आदि ने बताया कि सोशल मीडिया पर बच्चा उठाने की वीडियो वायरल हो रही है। इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो पता नहीं, लेकिन सावधानी के तौर पर यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके बारे में पुलिस प्रशासन को भी अवगत करवाया जाएगा ताकि इस तरह के लोगों पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा गांव में ठीकरी पहरा भी शुरू कर दिया गया है।
हिंसक भीड़ का हिस्सा बनने से बचें : जिला पुलिस की तरफ से आमजन को एडवाइजरी जारी की है कि वे हिंसक भीड़ का हिस्सा ना बनें। क्योंकि बेकसूरों को पीटना क्राइम है और कानून को हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं है। अगर कोई बेकसूर लोगों के साथ मारपीट करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार जिले से अभी तक बच्चा चोरी का एक भी केस सामने नहीं आया है। इस लोग खुद भी जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें।
छह घटनाएं हो चुकी हैं : जिले में बच्चा चोर समझ कर कई लोगों की पिटाई हो चुकी है। इस तरह के छह मामले सामने आ चुके हैं। इनमें बिलासपुर, जगाधरी और रादौर में दो-दो मामले आएं। इन सभी मामलों में हिंसक भीड़ ने बेकसूर लोगों की पिटाई कर डाली। पिटने वालों में अधिकतर मंदबुद्धि और भिखारी रहे। बुड़िया में तो भीड़ ने दिव्यांग भिखारी को भी नहीं बख्शा।
यह रखे सावधानियां
1. सोशल मीडिया पर आए मैसेज के आधार पर अफवाहों से भयग्रस्त न हो, न ही इन्हें प्रसारित करें।
2. आसपास संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो तुरंत पुलिस को सूचना दें, अफवाह न फैलाएं।
3. हिंसक भीड़ का हिस्सा न बनें, किसी बेकसूर की पिटाई होने से रोके।
4. घरों पर कोई भी अजनबी व्यक्ति को जैसे कोई सामग्री बेचने वाला आदि को अंदर न आने दें।
5. स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे चालू हों व गेट पर सुरक्षा के इंतजाम हों।
6. बच्चों को यह भी समझाए कि कोई अनजान व्यक्ति कुछ खाने पीने की चीजें दे तो वह उसे न लें।
कौन हैं हिंसक भीड़ का हिस्सा : अशिक्षित, बेरोजगार युवक जो गांवों व बस्तियों में दिन भर खाली बैठे रहते हैं, वे इस तरह का शोर मचा रहे हैं। इसे पुलिस द्वारा चोर का शोर मचाकर पीटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से रोका जा सकता है। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाह की रोकथाम और इस तरह के मामलों में पीड़ित के बारे में लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से सही जानकारी देकर अफवाह को रोक सकते हैं।
अभी तक जिले में बच्चा चोरी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। सोशल मीडिया पर केवल कोरी अफवाह फैल रही है। इस तरह के मैसेज को अनदेखा करें। उन्हें फॉरवर्ड न करें। अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। इसके लिए अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए आरडब्ल्यूए व पंचायत सदस्यों की मदद से लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्हें समझाया जाएगा।