सती प्रथा का नाम सुन कर जंहा कुलटा (चरित्रहीन) स्त्रियों की रूह कांप उठती है वंही अपनी पति को ही परमेश्वर मैंने वाली स्त्रियों का सर आदर से झुक जाता है. वैसे तो इसका अस्तित्व अनादि है लेकिन मूल रूप से पतिव्रता औरते ही इस प्रथा को अपनाती आई है.
जिस औरत के लिए पति ही सब कुछ है मतलब उसके लिए दुनिया में या तो कोई दूसरा पुरुष है ही नहीं या फिर जो भी है वो भाई बाप या बेटे है उन औरतो के लिए पति की मौत के बाद इस दुनिया में कुछ नहीं रह जाता है. ऐसे में पति के साथ ही स्वर्ग में रहने (ऐसी मान्यता हैकि सती होने वाली औरतो को स्वर्ग में भी पति का साथ मिलता है!) के लिए वो सती हो जाती है.
इसका मतलब है कि जो भी पत्नी शादी के बाद काम कर रही है वह बेहतर है। उसका बुरा प्रभाव उसके पति के जीवन पर पड़ता है। मतलब शादी के बाद हर महिला का जीवन अपने पति से बंधा होता है।
शादी एक रिवाज है जो दो लोगों के साथ-साथ उनके परिवारों को भी जोड़ता है। ऐसे में अगर किसी के जीवन में कुछ अच्छा या बुरा होता है तो उसका प्रभाव दूसरे के जीवन पर भी पड़ता है।
कुछ महिलाएं होती हैं जो शादी के बाद अपने पति के लिए सौभाग्य लाती हैं, वहीं कुछ ऐसी भी होती हैं जो अपने पति के जीवन को कष्टमय बना देती हैं। जो महिलाएं अपने पति के लिए सौभाग्य लेकर आती हैं उन्हें सौभाग्यशाली पत्नियां कहा जाता है। इस दुनिया में, अगर कोई गुणी महिलाएं हैं, तो दूसरी तरफ कुछ महिलाएं हैं जो कमियों से भरी हैं। ऐसी महिलाएं अपने पति के जीवन में केवल दर्द और पीड़ा लाती हैं।