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लाचारी को ताकत बनाकर केबीसी तक पहुंचीं नूपुर, अमिताभ बच्चन के सवालों के जवाब देते नजर आएंगी




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‘अंधेरा चाहे कितना भी घना हो, मैं झांसी की रानी की तरह उठूंगी और अपने लिए सब कुछ बदल दूंगी।’ धारावाहिक ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (केबीसी) में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के सामने हिम्मत और हौसले से भरी ये लाइनें बोलने वाली नूपुर चौहान गांधी ग्राम, रामादेवी कानपुर की रहने वाली हैं। नूपुर चौहान जन्म से ही दिव्यांग हैं। उनके शरीर का दायां हिस्सा पूरी तरह निष्क्रिय है। वह चलने, उठने, बैठने में असमर्थ हैं, लेकिन गुरुवार को सोनी चैनल पर ‘केबीसी’ में अमिताभ बच्चन के सवालों के जवाब देते नजर आएंगी। शरीर जब चलने फिरने में लाचार हो तो सहानुभूति भी लोग भीख की तरह देते हैं। यह बात नूपुर को बचपन से अखरती आ रही है। सहानुभूति नहीं सम्मान की चाह में नूपुर ने कुछ ऐसा करने की ठानी कि यह बात वह पूरी दुनिया को बता सकें। इसी धुन में उन्होंने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के सवालों के जवाब देने के लिए खुद को तैयार किया। उनकी मेहनत रंग लाई और उनका चयन हुआ।

नूपुर 25 लाख रुपये जीतने के पड़ाव पर पहुंच चुकी हैं। नूपुर किसान परिवार से हैं। पिता राम कुमार सिंह और माता कल्पना सिंह पैतृक निवास कपूरपुर, उन्नाव में रहते हैं। जन्म के बाद दिव्यांगता चुनौती बनी तो बेहतर इलाज के लिए नाना-नानी जगतपाल सिंह और पदमा सिंह उन्हें अपने घर गांधी ग्राम ले आए। बाल भवन, फूलबाग में उन्हें कई वर्षों तक प्रारंभिक ट्रेनिंग मिली, तब से सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार कर सकीं।

शारीरिक बनावट की वजह से नहीं मिलता था प्रवेश 
दिव्यांगता की वजह से उन्हें सामान्य बच्चों के बीच पढ़ाई करने के लिए स्कूलों में प्रवेश नहीं मिलता था। अभिभावकों की शिकायत पर कई स्कूलों ने उन्हें निकाला। आखिरकार टीएलपी मांटेसरी लाल बंगला में पांचवीं तक, माडर्न हायर सेकेंडरी स्कूल लाल बंगला में 10वीं तक, गुरुकुल इंटर कालेज सनिगवां में 12वीं तक, रामऔतार सिंह महिला महाविद्यालय फतेहपुर से बीए तक पढ़ाई की। आत्मनिर्भर बनने के लिए 10वीं कक्षा से ही ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था। अब घर में कोचिंग सेंटर खोल रखा है। पढ़ने और पढ़ाने में जुटी रहती हैं।

माता-पिता को अच्छा घर देना है 
नूृपुर दिव्यांग होते हुए भी पिता का सहारा बनना चाहती हैं। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि केबीसी में जीती हुई रकम से अपने पैतृक गांव कपूरपुर, उन्नाव में माता पिता को अच्छा घर बनवाकर देंगी। दिव्यांग बच्चों के अंदर हिम्मत भरने के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर भी खोलना चाहती हैं।

ऐसे हुआ चयन 
नूपुर ने बताया कि सोनी चैनल पर केबीसी का विज्ञापन आ रहा था। कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए एक से 15 मई तक सवाल पूछे गए। जवाब सही हुए तो लखनऊ में ऑडिशन हुआ। इसमें भी उन्होंने सही जवाब दिए। इसके बाद उनका केबीसी के लिए चयन हुआ। गुरुवार को रात नौ बजे कार्यक्रम का प्रसारण होगा।