छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) में इन दिनों राज्यपाल(Governor) अनुसुईया उइके के नाम से वायरल(Viral) हो रही एक फर्जी चिट्ठी(Fake letter) चर्चा में है. इस चिट्ठी पर राज्यपाल के दस्तखत भी जाली हैं. फर्जी चिट्ठी में राज्यपाल की तरफ से बीजेपी के विधायकों को कहा गया है कि वे सरकार बनाने के लिए कांग्रेस विधायकों(Congress MLAs) को खरीदने में सहयोग करें.
इस फर्जी खत में भेजने वाले ने अपना नाम जितेन्द्र ठाकुर लिखा है, जबकि राज्यपाल के पीए का नाम जितेन्द्र सोलंकी है. ये चिट्ठी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के लेटरहैड पर लिखी गई है जो राज्यपाल को पुराना कार्यालय रहा है. राज्यपाल ने खुद इस फर्जी चिट्ठी के मामले में पुलिस को कार्रवाई करने को कहा है.
वायरल हुए खत का मजमून कुछ इस तरह है –
आदिवासी समाज के लिए गौरव की बात है कि एक आदिवासी महिला को भाजपा ने छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया है. अब हमें मिलकर छत्तीसगढ़ में आदिवासी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनानी है. हमें समाज के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना है, इसलिए आपके सहयोग की अपेक्षा रहेगी. आपको अपने प्रयास से तीन विधायकों को मिलाकर चार सदस्यों को भाजपा में लाने का प्रयास करना है. इस कार्य के लिए एक विधायक को 50 करोड़ रुपये दिया जाएगा. जाहिर है कि इस फर्जी पत्र को लेकर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हडकंप की स्थिति बनी हुई थी. हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा के नाम से उनके लेटरपैड पर फर्जी हस्ताक्षर कर एक पत्र जारी हुआ था. खुद विधायक ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन अब तक चिट्ठी जारी करने वालों का पता नहीं चल सका है. विधायक के बाद अब राज्यपाल के नाम से वायरल हुई फर्जी चिट्ठी ने पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी है.