आमतौर पर यही माना जाता है कि पत्तों की खूबसूरती उसकी हरियाली होती है, पत्ते की हरियाली को अलग कर दिया जाए तो उसकी खूबसूरती खत्म हो जाती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, हरियाली को भी अलग कर उसे खूबसूरत बनाया जा सकता है। राजधानी की कलाकार पूर्णाक्षी साहू पीपल के सूखे पत्तों पर पेंटिंग से चारचांद लगा रही हैं।
पत्ते की नसों का सुंदर जाल, सफेद या धुंधला सफेद रंग पर रंगों का खेल लोगों को आकर्षित कर रहा है। पूर्णाक्षी साहू पिछले 5 सालों से इस कला से जुड़ी हैं। वे बताती हैं कि पत्तों पर पेंटिंग करना बहुत कठिन होता है, टूटने का डर रहता है। इसलिए इस पर पेंटिंग करते समय बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है।
लेकिन जब पेंटिंग होती है तो मन प्रफुल्लित हो जाता है। पीपल के पत्ते की बनावट और आकृति आकर्षक होती है, इसलिए पेंटिंग के लिए इसका चुनाव किया। अभिनंदन पत्रों, दीवार की सजावट, पुस्तक चिन्हों और उपहार की अन्य सामग्रियों में पीपल के पत्तों पर की गई चित्रकारी का प्रयोग प्रमुखता से होता है।
अक्सर लोग चीजों को उपयोग से बाहर करने में सक्षम होते हैं, जिसके बाद लोग आश्चर्यचकित भी होते हैं। हाल ही में, कर्णट नूरताज़िन नामक कलाकार ने सूखे पत्तों के साथ काम किया, जिसने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया।
वे सूखे पत्तों पर कटाई करके कलाकृति बनाते हैं, जिसे आप बस देखते रह जाते हैं। यही है, कोई भी कल्पना नहीं कर सकता है कि पेड़ के सूखे पत्तों में भी कलात्मक कारीगरी हो सकती है।