जी-7 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस पहुंच चुके हैं। भारत जी-7 देशों के समूह का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भारत को इसके लिए आमंत्रित किया गया। दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के विशेष निमंत्रण पर मोदी सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। यह विश्व स्तर पर भारत की बढ़ती ताकत का संकेत है।
भारत जी-7 देशों का सदस्य नहीं है। लेकिन इसके बावजूद वह सम्मेलन का हिस्सा बना रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह फ्रांस और भारत के बीच अच्छे संबंध हैं। प्रधानमंत्री मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के निमंत्रण पर वहां पहुंचे हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस बार जी-7 देशों के समूह के सम्मेलन के लिए सदस्य देशों के साथ साथ दुनिया के कुछ खास देशों को भी आमंत्रित किया है। इसमें भारत का नाम पहले स्थान पर है। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, सेनेगल और रवांडा जैसे देश इस सूची में शामिल हैं। ये सभी देश विश्वस्तर की राजनीति में अहमियत रखते हैं।
जी 7 देशों के सम्मेलन में भारत का शामिल होना उसकी बढ़ती पहचान को बताता है। इसके साथ-साथ भारत और फ्रांस के बीच मधुर और प्रगाण संबंधों का असर भी देखा जा सकता है। जब मोदी सम्मेलन में हिस्सा लेने वहां पहुंचे तब फ्रांस के राष्ट्रपति ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
बता दें कि जी-7 दुनिया के सात विकसित देशों का एक समूह है। इसमें फ्रांस, इटली कनाडा, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। इन 7 देशों का दुनिया की 40 फीसदी जीडीपी पर कब्जा है।