छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कवर्धा जिले के ग्राम पंचायत अमलीमालगी में प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) के तहत निर्माण में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जिस बुजुर्ग महिला के नाम पर फंड जारी किया गया, उन्हें न मिलकर उनकी हमनाम वाली दूसरी महिला के नाम पर आवास की राशि जारी कर दी गई. इधर, बुजुर्ग महिला ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फंड मिलने की जानकारी के बाद अपना घर तुड़वा दिया. अब वह आवास के लिए भटक रही हैं. ऐसे में अब उनके पास रहने के लिए घर भी नहीं रहा.
कवर्धा (Kawardha) में सामने आए मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि जिस महिला को आवास निर्माण के लिए राशि मिलनी थी, उसे न मिलकर किसी और महिला के खाते में 52 हजार रुपये जमा करा दिए गए. वहीं, अब इस बुजुर्ग महिला के नाम से फंड स्वीकृत होने के चलते उन्हें नोटिस दिया जा रहा है कि या तो वह आवास निर्माण करें या फिर राशि वापस करें. इससे बुजुर्ग की दिक्कतें और बढ़ गई हैं. आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरपंच-सचिव की मनमानी का खामियाजा इस बुजुर्ग महिला को भुगतना पड़ रहा है.
पीएम आवास स्वीकृत परेशान बुजुर्ग महिला का नाम पुसइया बाई सिंगरौल है. वह पंडरिया जनपद पंचायत के ग्राम अमलीमालगी की रहने वाली हैं. इस बुजुर्ग महिला के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ है. आवास स्वीकृत होने की खुशी में उन्होंने अपना पुराना घर तुड़वा दिया, लेकिन निर्माण के लिए राशि नहीं मिली. मजबूरी में किराए के घर में रहना पड़ रहा है. दरअसल, गांव में पुसइया बाई साहू नाम की एक और महिला हैं, जिनके खाते में राशि ट्रांसफर हो गई है. आरोप लगाया जा रहा है कि सरपंच-सचिव ने जानबूझकर अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया है.
पुसइया बाई सिंगरौल का कहना है कि प्रशासन की ओर से उन्हें नोटिस जारी किया गया है. इसमें लिखा है कि मकान का निर्माण अब तक नहीं कराया गया है, इसलिए स्वीकृत राशि वापस कीजिए. लेकिन, अब तक उनके खाते में पैसे आए ही नहीं हैं. मामले की जानकारी उच्चअधिकारियों को भी दी गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. कवर्धा के डिप्टी कलेक्टर वीके चन्द्रवंशी ने बताया कि इस मामले में शिकायत मिली है. शिकायत के बाद जनपद सीईओ से मामले में रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.