छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में रेलवे सुरक्षा बल की आरक्षक भर्ती परीक्षा (Railway Exam) में मुन्ना भाई पकड़ा गया. लिखित (Written) और फिजिकल (Physical) पास उम्मीदवार की जगह मेडिकल टेस्ट (Medical Test) और कागजात वेरिफिकेशन (Paper Verification) के लिए कोई दूसरा युवक पहुंचा था. रेलवे जांच अधिकारियों ने इस मुन्ना भाई को पकड़कर तोरवा पुलिस के हवाले कर दिया. जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. कहा जा रहा है कि 40 हजार रुपये में मेडिकल टेस्ट देने के लिए सौदा किया गया था. तोरवा थाना प्रभारी एस रात्रे का कहना है कि पुलिस (Police) ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है.
लालच में आकर किया ये काम:
दरअसल, रेलवे सुरक्षा बल में रिक्त पदों की भर्ती के लिए अखिल भारतीय स्तर पर लिखित परीक्षा का आयोजन 2019 के शुरुआती में किया गया था. इस परीक्षा में सभी जोन और डिवीजन के साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के बिलासपुर, और नागपुर में आरपीएफ के रिक्त पदों पर भर्ती होनी थी. लिखित परीक्षा का आयोजन मध्यप्रदेश के ग्वालियर में किया गया था. इस परीक्षा में देश के सभी उम्मीदवारों के साथ इटावा उत्तरप्रदेश निवासी लवकुश ने भी लिखित परीक्षा दी थी.
लवकुश यादव ने लिखित परीक्षा पास करने के बाद फिजिकल टेस्ट भी पास कर लिया था जिसके बाद पास हुए उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट के लिए बिलासपुर जोनल मुख्यालय बुलाया गया था. आंखों में परेशानी के चलते सलेक्शन नहीं होने का भय लवकुश को सता रहा था. इस कारण लवकुश ने अपने एक साथी विनय यादव से संपर्क कर 40 हजार रुपए में मेडिकल टेस्ट देने के लिए सौदा किया. लालच में आकर दोस्त ने लवकुश के कागजात में लगी फोटो और अन्य सारी डिटेल चेंज कर दी और बिलासपुर जोनल मुख्यालय पहुंच गया.
मेडिकल टेस्ट के बाद रेलवे सुरक्षा बल डिवीजन कार्यालय में उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा था. इस दौरान जांच अधिकारियों ने लवकुश और विनय यादव की फोटो, हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग पर शक हुआ. सख्ती से पूछताछ पर मामले का खुलासा हुआ. फिलहाल आरपीएफ ने दोनों युवकों को पकड़ कर अग्रिम कार्रवाई के लिए तोरवा पुलिस के हवाले कर दिया जहां पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है.