नोटबंदी के बाद नए डिजाइन वाले नोटों को लेकर दावा किया गया था कि इनके आने से फेक करेंसी पर लगाम लगेगी लेकिन आरबीआई के आंकड़ों की माने तो पिछले वित्त वर्ष में 500 के नोटों की नकली नोटों में 121 फीसदी और 2000 के नोटों 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. आरबीआई ने कहा कि 200 मूल्यवर्ग का नोट, जिसे अगस्त 2017 में पेश किया गया था, पिछले वर्ष के दौरान 79 के मुकाबले 12,728 नकली नोट पाए गए है.
आरबीआई का कहना है कि 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये के नकली नोटों में 20.2 फीसदी, 87.2 फीसदी और 57.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. आरबीआई ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में 2018-19 में पाए गए कुल नकली भारतीय मुद्रा नोटों (एफआईसीएन) में से 5.6 प्रतिशत आरबीआई को मिले जबकि 94.4 प्रतिशत की पहचान अन्य बैंकों द्वारा की गई है. आरबीआई ने कहा कि 1 जुलाई 2018 से 30 जून, 2019 तक सुरक्षा मुद्रण पर कुल व्यय 48.11 अरब रही जो पिछले वर्ष 49.12 अरब थी.