Home समाचार इंटरनेट नहीं, फिर भी फैल रहीं अफवाहें, व्यापार पूरी तरह ठप…

इंटरनेट नहीं, फिर भी फैल रहीं अफवाहें, व्यापार पूरी तरह ठप…




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कश्मीर घाटी में आर्टिकल 370 हटाने के बाद शोपियां, पुलवामा और अवंतीपोरा में संचार पर जारी बैन से हड़ताल जैसे हालात हो गए हैं। आवागमन पर लगा प्रतिबंध हटने से लोग तो आ-जा रहे हैं लेकिन व्यापार ठीक से नहीं हो रहा। पुलवामा के व्यापारी खुर्शीद अहमद का कहना है कि कोई नहीं चाहता कि पाकिस्तान उनके मामले में दखल दे लेकिन सरकार चाहती है कि दुकानें खुलें तो प्रतिबंध हटाने होंगे। कम से कम लैंडलाइन सेवा शुरू करनी होगी। हालांकि, इंटरनेट और मोबाइल बैन के बावजूद आशंकाओं और अफवाहों से तनाव का माहौल है। शोपियां के व्यापारी सईद शाहनवाज दावा करते हैं कि सुरक्षाबलों ने उनके गांव पिंजोरा में सात लड़कों को पीटा और उनके हाथ तोड़ दिए लेकिन जब उनसे घटना की विस्तृत जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कुछ पता होने से इनकार कर दिया। ऐसे वाकये आम हैं। प्रतिबंधों के कारण लोगों को मूलभूत जरूरतों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। शोपियां में दवाओं के थोक व्यापारी ताहिर अहमद बताते हैं कि मरीजों को पैरासिटामॉल जैसी बेसिक दवाएं भी नहीं मिल रही हैं। हालांकि, जिला प्रशासन इस दावे से इनकार कर रहा है। शोपियां के जिला अस्पताल में भीड़ है। वहां एटीएम के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं।

कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान पैलेट गन से कुछ लोग घायल भी हो गए हैं। शेर-एकश् मीर इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में 17 साल के असरार का इलाज चल रहा है। पैलेट गन से उनकी आंख चोटिल हो गई है।

दिन में दवा, फलों और दैनिक जरूरतों के सामान की दुकानें खुलती हैं। ट्रैफिक सामान्य से कम है लेकिन सड़कें खुली हैं। कुछ जगहों पर सुरक्षाबल तैनात हैं। सड़कों पर पब्लिक ट्रांसपॉर्ट नहीं है। पुलवामा में प्राइमरी और मिडिल स्कूल खुले हैं लेकिन पैरंट्स बच्चों को स्कूल भेज नहीं रहे क्योंकि संचार माध्यम बंद हैं। काम पर नहीं जा रहे लोग बाजार में मिलते हैं और आपस में चर्चा कर जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाते हैं। लोग एक-दूसरे की मदद भी करते रहते हैं।

आतंकियों ने लोगों को डराने के लिए साउथ कश्मीर में कई जगह पोस्टर लगाए हैं। इनमें दुकान खोलने, गाड़ी चलाने या स्कूल जाने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी गई है। सेना को साउथ कश्मीर के कई इलाकों में हिज्बुल के लगाए पोस्टर मिले हैं। इनमें लिखा है कि दुकान खोलने का समय सुबह 6 से 9 और शाम को भी 6 से 9 बजे तक है। बाकी वक्त दुकानें बंद रहेंगी। कोई भी गाड़ी नहीं चलनी चाहिए, कुछ प्राइवेट व्हीकल अभी भी चल रहे हैं जिनका नंबर हमारे पास है, ये आखिरी वॉर्निंग है। अगर फिर दिखे तो जला देंगे। पोस्टर में लिखा है कि मुखबिरों के लिए भी आखिरी वॉर्निंग है। अगर किसी को पुलिस बुलाए तो न जाएं। हिदायत दी गई है कि किसी भी गांव में कोई स्कूल नहीं खुलना चाहिए, लड़कियां सड़क पर ना दिखें। हम आजादी के बहुत करीब हैं और आप हमारा साथ दें। जिसने इन बातों को नहीं माना तो उसका जिम्मेदार खुद होगा।

सेना प्रमुख बिपिन रावत जम्मू- कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद शुक्रवार को पहली बार श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने कश्मीर घाटी में भी सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यहां सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है या नहीं, यह भी समीक्षा बैठक की। राज्य प्रशासन ने शुक्रवार को कश्मीर घाटी समेत अन्य संवेदनशील इलाकों में फिर से धारा 144 लागू कर दी है। अनुच्छेद 370 खत्म होने के 26वें दिन फिर से सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है। जुमे की विशेष नमाज को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने फिर से पाबंदियां लगाई हैं। सेना प्रमुख ने कई इलाकों का दौरा भी किया।