वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने रविवार को कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) रेट में कटौती मेरे हाथ में नहीं है और कटौती का फैसला जीएसटी काउंसिल (GST Council) लेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रोथ बढ़ाने के लिए औऱ कदम उठाएंगे. सभी सेक्टरों की चिंताएं दूर करने पर फोकस है. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर कुछ भी बोलने से इनकार किया.
केंद्रीय मंत्री (Union Minister) का यह बयान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा जारी जीडीपी आंकड़े के एक दिन बाद आया है. सीएसओ ने शुक्रवार को कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ गिरकर 5 फीसदी पर आ गई है. जबकि, इससे पहली तिमाही यानी वित्त वर्ष 2018-19 के जनवरी-मार्च में जीडीपी ग्रोथ 5.8 फीसदी थी. वहीं, पिछले साल इसी तिमाही यानी अप्रैल-जून 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ की दर 7.8 फीसदी थी. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और प्राइवेट कंजम्पशन को मंदी के लिए दोषी ठहराया जा रहा है.
किसी भी बैंक को नहीं किया जाएगा बंद
जब बैंकों के विलय के फैसले के बारे में पूछा गया, तो सीतारमण ने कहा, ‘किसी भी बैंक को बंद नहीं किया जाएगा. किसी बैंक को यह नहीं कहा गया है कि वो जो काम कर रहे हैं, उससे कुछ अलग करें. हालांकि हम बैंकों को काम करने के लिए और ज्यादा पूंजी मुहैया करवा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, बैंकों के विलय से किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी.
बता दें कि शुक्रवार को वित्त मंत्री ने 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की थी. सरकार का यह फैसला कर्ज से दबे इस सेक्टर को मजबूत करना है और मजबूत बैलेंस सीट से ये ज्यादा कर्ज दे, जिससे इकोनॉमिक ग्रोथ रिवाइव करने में मदद मिले. इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी. 2017 में सरकारी बैंकों की संख्या 27 थी. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने देश की जीडीपी वृद्धि की दर चालू वित्त वर्ष में गिरकर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. रेटिंग एजेंसी ने पहले जीडीपी वृद्धि दर के 7.3 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद जताई थी. मांग में कमी, कमजोर मानसून और मैन्युफैक्चरिंग में नरमी और ट्रेड वार टेंशन बढ़ने का एक्सपोर्ट पर असर इसकी मुख्य वजह रही.
मनमोहन सिंह ने सरकार पर साधा निशान
रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंदी के लिए सरकार पर निशान साधते हुए कहा कि यह आर्थिक नरमी मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन की वजह से है. उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी (Demonetisation and GST) में जल्दबाजी को मानव रचित संकट बताया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कमजोर ग्रोथ पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि यह महज 0.6 फीसदी रह गई है. इससे स्पष्ट है कि हमारी इकॉनमी अब तक नोटबंदी जैसी मानवजनित गलतियों से उबर नहीं सकी है. इसके अलावा गलत तरीके से लागू जीएसटी से भी इकॉनमी की हालत खराब हुई है. सीतारमण से जब सिंह के बयान पर टिप्पणी मांगी गई, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.