


बिलासपुर// आप को बता दें शासन द्वारा दिव्यांग बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालय का संचालन तिफरा बिलासपुर में किया जा रहा है। जहां ग्रामीण व दुर दराज क्षेत्रों से आने वाले बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यहां रहकर बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं,जिनके भोजन व रखरखाव के लिए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखें गए जाते हैं। परंतु हाल में अधिक्षक पर यह आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा छात्रावास में रहने वाले बच्चों को समय से पहले छात्रावास छोड़ने के लिए बाध्य किया गया है। जबकि शासन का निर्देश है कि 30 अप्रैल तक कक्षाएं लगेंगी। इससे पहले ही बच्चों को छोड़ दिया गया वहीं छात्रावास में बच्चे नहीं होने का हवाला देते हुए दैनिक वेतनभोगी 05 कर्मचारियों को निकाल दिया गया। जिसके चलते वे एक बार फिर बेरोजगारी की दंश झेलने को विवश हो गए हैं। उक्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि अधिक्षक श्री सक्सेना द्वारा मनमानी करते हुए जानबूझ कर समय से पहले छात्रावास में रहने वाले बच्चों को छात्रावास छोड़ने के लिए बाध्य किया गया है। जिसके उपरांत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। जिसको लेकर निकाले गए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने संयुक्त संचालक समाज कल्याण संचालनालय छ.ग. रायपुर पत्र लिखा है। वहीं दुसरी ओर अधिक्षक श्री सक्सेना का कहना है कि उनके द्वारा किसी तरह की कोई नियम विरूद्ध कार्य नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा समाप्त होने के बाद छात्रावास के बच्चों को उनके पालक ले गए हैं। इसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं है। वहीं छात्रावास में बच्चे नहीं जिसके चलते दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को अभी काम पर आने से मना किया गया है। जैसे ही नये सत्र प्रारंभ होंगे उन्हें फिर रखा जा सकता है। रही बात मेहनताना की तो आबंटन आते ही उनका मेहनताना दे दिया जायेगा। विद्यालय शासन के निर्देशानुसार चल रही है अभी कक्षाएं लग रही।