सोचिए, जब एक साथ एक-दो नहीं बल्कि बारिश करवाने वाले तीन-तीन सिस्टम हों तो क्या होगा? आप सोच रहे होंगे कि अच्छी खासी बारिश होनी चाहिए। मौसम विभाग ने भी बीते तीन दिनों से लगातार यलो अलर्ट जारी कर रहा है और कहा कि अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है, मगर स्थिति यह है कि पूर्वानुमान के मुताबिक बारिश नहीं हो रही है। छुट-पुट बारिश या कहीं-कहीं पर कुछ मिनट तक झमाझम बारिश।
निरंतरता तो बन ही नहीं रही, खासकर मध्य छत्तीसगढ़ में। मौसम विभाग ने एक बार फिर 24 घंटे के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इस बार रायपुर से लेकर बस्तर तक बारिश की बात कही गई है, उत्तर छत्तीसगढ़ में खासी बारिश का पूर्वानुमान है। अब देखना यह है कि मंगलवार को क्या होगा?
मौसम वैज्ञानी एचपी चंद्रा का कहना है कि जब एक साथ तीन-तीन सिस्टम बनते हैं तो स्थिति वही होती है जैसे कि दो पहलवान एक रस्सी को खींच रहे हैं और दोनों ताकत लगा रहे हैं, लेकिन जीत-हार नहीं हो पा रही है। ठीक वैसे ही प्रभावित सिस्टम दूसरे के असर को बढ़ना नहीं देता। प्रदेश में अब तक 932 मिमी बारिश हो चुकी है।
रायपुर में सोमवार की सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई तो शाम 6 बजे तेज बारिश हुई। इसके बाद गर्जना जारी रही। देर रात बारिश हुई। उम्मीद की जानी चाहिए कि 10 सितंबर तक बनने वाले सभी सिस्टम से मध्य छत्तीसगढ़ के 10 जिले जहां औसत से कम बारिश दर्ज है, आंकड़े सुधरेंगे।
जिले- तापमान- बारिश के आंकड़े-
रायपुर- 31.5- 2.7
बिलासपुर- 32.0- 9.0
पेंड्रा- 31.5- 19.4
अंबिकापुर- 29.0- 1.9
जगदलपुर- 27.0- 28.4
दुर्ग- 32.6- 8.0
राजनांदगांव- 33.0- 2.5
(आंकड़े मिमी में)
पूर्वानुमान
उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में निम्न दाब का क्षेत्र बना है, जिसके साथ चक्रवाती घेरा समुद्र तल से 7.6 किमी तक फैला हुआ है। जो दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका है। समुद्र तल से मानसून द्रोणिका उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। माध्य समुद्र तल से 0.9 किमी तक फैला है। पूर्वी मध्य प्रदेश और लगा छत्तीसगढ़ तथा दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश के ऊपर पर चक्रवाती घेरा 2.5 तक स्थित है।