भारतीय बासमती का निर्यात बढ़ाने और कीटनाशक से बचाने के लिए बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के वैज्ञानिकों ने पहल की है। यूपी समेत सात राज्यों में 12 वैज्ञानिकों की टीम किसानों को खेतों पर जाकर जागरूक कर रही है। कीटनाशक के संबंध में जानकारी देने के लिए 50 हजार बुकलेट प्रकाशित कराई गई हैं।
अधिक मात्रा में कीटनाशक का प्रयोग करने से भारतीय बासमती की गुणवत्ता पर असर आ रहा है। इस कारण निर्यात पर असर पड़ रहा है। अच्छी गुणवत्ता और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा के नेतृत्व में पेस्टीसाइड अवेयरनेस कैंपेन चलाया जा रहा है।
इसमें ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन भी सहयोग कर रहा है। डॉ. रितेश शर्मा के अलावा 12 वैज्ञानिकों की टीम अब तक यूपी, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल आदि में 35 हजार किसानों को जागरूक कर चुकी है। एक लाख किसानों को जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या है अभियान में खास
डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि विशेषज्ञों की टीम किसानों को उन्नत एवं उचित प्रजाति के बीजों का चुनाव, नर्सरी तैयार करने, रोपाई की विधि, उर्वरक एवं खाद का उचित प्रयोग, जल प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण, पाटा तकनीक का प्रयोग, कीट प्रबंधन, भंडारण आदि की जानकारी दे रही है।
गुणवत्ता खराब कर रहे कीटनाशक
डॉ. रितेश शर्मा के अनुसार किसान बासमती की खेती करते समय कीटनाशक का अधिक प्रयोग न करें। जिससे उसकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरे और निर्यात बढ़े। केंद्र सरकार भी कीटनाशक के प्रयोग को लेकर गंभीर है।