इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में भारत को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था हम सबको मिलकर 2 अक्टूबर से भारत को प्लास्टिक से मुक्त करना है. इस पर प्लान तैयार करने को लेकर मोदी सरकार में युद्ध स्तर पर काम शुरू हो चुका है.
बता दें कि पिछले हफ्ते मिनिस्टर ऑफ काउंसिल की बैठक में ड्रिंकिंग वॉटर और सैनिटेशन के सचिव परमेश्वरन ने एक प्रेजेटेशन दी थी कि कैसे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त किया जाएगा.
एक बार इस्तेमाल कर फेंके जाने वाले प्लास्टिक यानी सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाम कसने की सरकार ने जी जान से तैयारी शुरू कर दी है. इससे संबंधित हर मंत्रालय को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. जैसे रेलवे मंत्रालय ने 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है.
उसी तरह से सड़क और परिवहन मंत्रालय द्वारा 11 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देश भर के राजमार्गों के आस-पास जमा प्लास्टिक को इकट्ठा करने का अभियान चलाया जाएगा.
इस अभियान के तहत जो भी प्लास्टिक इकट्ठा होगी उस कचरे का इस्तेमाल सीमेंट के भट्ठों और सड़कों को बनाने में किया जाएगा. इसके साथ ही सभी मंत्रालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी लगेगी.
2 अक्टूबर को पूरे देश में स्वच्छता और श्रमदान अभियान चलाया जाएगा. इसके साथ ही मंत्रियों, सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों को कहा गया है कि वो अपने-अपने क्षेत्रों में श्रमदान करें. साथ ही सफाई अभियान में स्थानीय लोगों का सहयोग लें.
प्रेजेटेशन में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभी तक उठाए गए कदमों की समीक्षा भी की गई है. इसमें नोडल मंत्रालयों के साथ प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और कैबिनेट सचिव ने अभी तक की तैयारियों की समीक्षा की है.
अभी तक उद्योग जगत और विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया जा चुका है. स्वच्छता ही सेवा अभियान के छह लाख स्वाच्छाग्रहियों के नेटवर्क को सक्रिय कर दिया गया है.