पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बौबाजार इलाके में रविवार से एक के बाद एक कई बिल्डिंग में दरार पड़ रही है. कई मकानों के गिरने की घटना भी सामने आई है. इन हादसों ने व्यापारियों की नींद उड़ा दी है. करोड़ों रुपए का सोना बौबाजार इलाके की तीन गलियों में फंसे हुए हैं. इसी कारण व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है. स्वर्ण शिल्प कमेटी के लोग सोने की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.
बौबाजार के ठीक नीचे मेट्रो टनल का काम चलने की वजह से वहां मौजूद सभी घरों और दुकानों में दरारें पड़ रही हैं. मकानों का धसना जारी है. अब वहां रह रहे लोगों समेत स्वर्ण व्यापारी और कारीगरों की परेशानी बढ़ गई है. इन तीन गलियों में तीन हॉलमार्क सेंटर मौजूद हैं, जिसमें विभिन्न दुकानों के व्यवसायी द्वारा बनाए गए गहनों पर हॉलमार्क निशान के लिए भेजा जाता है. इतना ही नहीं यहां पर कच्चे सोने को होलसेल रेट में भी बेचा जाता है.
इस इलाके की तीन गलियों में करीब 200 मकान ऐसे हैं, जहां पर आभूषण बनाने का काम चलता है. यहां पर स्वर्ण शिल्पकार कारीगर के तौर पर काम करते हैं. इस घटना के बाद करीब 2000 कारीगर बेरोजगार होने की कगार पर हैं.
एक कारीगर अरूप घोष ने बताया कि उसका सारा सामान दुकान में पड़ा है, लेकिन अब वह उसे नहीं निकाल पा रहा है. उसे महज 12 हजार रुपए मासिक मिलते हैं. इसी से उसे अपने परिवार का पेट पालना पड़ता है. अब अरूप को चिंता सता रही है कि वह अपने परिवार का पेट कैसे पालेगा. वहीं, बाबुल दे ने बताया कि वह बहुत बड़ा नुकसान झेलने जा रहा है.
लोगों ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी कि कुछ ऐसा भी हो सकता है. अगले ही महीने दुर्गा पूजा है. कस्टमर के लिए दूकान तक पहुंचने का कोई रास्ता ही नहीं है. कस्टमर फोन करते हैं. खोज करते हैं. लेकिन यहां कोई नहीं आ पा रहा है. जिन्होंने ऑर्डर दिया है वो लोग भी नहीं पहुंच पा रहे हैं.
वहीं, दूसरी तरफ बीबी गांगुली स्ट्रीट में भी कई छोटे बड़े सोने की दुकानें हैं, लेकिन अब वहां भी नुकसान हो रहा है. मेट्रो के काम के कारण व्यापारियों का धंधा भी अब बंद होने की कगार पर है.