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UNHRC में आज आमने-सामने होंगे भारत-पाक, कश्मीर का राग अलापा तो भारत करेगा बेनकाब




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जम्मू-कश्मीर को लेकर जारी तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान मंगलवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कश्मीर के मुद्दे पर आमने-सामने हो सकते हैं।कल से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के अहम सत्र में एक बार फिर से पाकिस्तान कश्मीर का राग अलाप सकता है। मगर इस मंच पर भारत भी अपनी बात रखेगा और पाकिस्तान की बोलती बंद करेगा। बता दें किमानवाधिकार परिषद का42वां सत्र 27 सितंबर तक चलेगा और 27 सितंबर को पीएम मोदी और पाक के पीएम इमरान खान का संबोधन भी होगा। कश्मीर मसले परअंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की शरण में पहुंचा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री के ट्वीट से पता चलता है कि पाकिस्तान इस सत्र में कश्मीर का मुद्दा जोर-शोर से उठाएगा, मगर इस सत्र में भारत ने भी पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए कमर कस ली है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42 वें सत्र में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए सोमवार को स्विट्जरलैंड के लिए रवाना हुए। रवाना होने से पहले उन्होंने ट्वीट किया कि कथित “कश्मीर में अत्याचार” सत्र पर पाकिस्तान “निश्चित रूप से” बोलेगा। बता दें कि इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने सोमवार को मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र के अपने शुरुआती संबोधन में कश्मीर मुद्दे और असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) का जिक्र किया। उन्होंने 35 से ज्यादा देशों को संदर्भित करने के दौरान भारत का भी नाम लिया और पाकिस्तान का संदर्भ केवल कश्मीर को लेकर दिया, लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, बलूचिस्तान या गिलगित-बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर कोई जिक्र नहीं किया।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी आज दोपहर में पाकिस्तान का बयान रखेंगे। इसमें उम्मीद की जा रही है कि पाकिस्तान 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे को रद्द करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के भारत सरकार के फैसले पर और जम्मू-कश्मीर के हालातों पर ध्यान दिलाएगा। साथ ही वह कश्मीर में जारी प्रतिबंधों को गलत तरीके से पेश करेगा।बता दें कि भारत ने पाकिस्तान को पहले हीदो टूक शब्दों में कह रखा है कि यह उसका आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। भारत सरकार के इस फैसले का अमेरिका, फ्रांस, रूस, इजरायल आदि देशों ने भी समर्थन किया है।

पाकिस्तान के बयान के तुरंत बाद ही भारत भी अपना बयान रखेगा। अगर पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर रोना रोता है तो भारत उसका पूरजोर तरीके से जवाब देगा। इस मामले से परिचित अधिकारी ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल पाक के कुछ घंटे बाद अपना बयान देगा और भारत के पास ‘जवाब का अधिकार’ होगा। भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के एक सचिव द्वारा किया जाएगा और इसमें अजय बिसारिया शामिल होंगे। बता दें कि अजय बिसारिया हाल ही में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त थे, जिन्हें तनातनी के बीच पाकिस्तान ने वापस भेज दिया।

एक अधिकारी ने कहा कि भारत ने जिनेवा में किसी भी मंत्री को नहीं भेजने का विकल्प चुना, क्योंकि भारत कश्मीर मुद्दे के अंतर्राष्ट्रीयकरण के पाकिस्तान के प्रयासों को बहुत अधिक महत्व नहीं देना चाहता है। हालांकि, पाकिस्तान के कश्मीर एजेंडा पर अजय बिसारिया करारा जवाब देंगे। अगर पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा और अशांति की झूठी बातें करेगा तो भारत इस बैठक के दौरान इस बात को अच्छी तरह से समझाएगा कि क्यों वहां प्रतिबंध लगाए गए हैं, ताकि लोगों की जिदंगी बचाई जा सकते।साथ ही यह भी बताएगा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और भारत सरकार के फैसले के बाद से अभी तक वहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।

5 अगस्त को भारत सरकार ने जब से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किया है और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटा है, तब से पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है और लगातार इस मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने का प्रयास कर रहा है। जम्मू-कश्मीर पर इतना बड़ा फैसले लेने के आलोक में भारत सरकार ने शांति व्यवस्था कायम रखने और किसी तरह की हिंसा को रोकने के लिए राज्य में न सिर्फ प्रतिबंध लागू किए बल्कि संचार माध्यमों को भी सस्पेंड किया था। हालांकि, अब धीरे-धीरे सभी प्रतिबंधों को हटाया जा रहा है।

UNHRC में कुल 47 सदस्य देश
मार्च 2006 में स्थापित हुए यूएनएचआरसी में कुल 47 निर्वाचित सदस्य देश हैं। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सदस्यों को पांच क्षेत्रीय समूहों में बांटा गया है। अफ्रीकन स्टेट्स में 13 सदस्य, एशिया-पैसिफिक में 13 सदस्य, ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स में 6 सदस्य, लैटिन अमेरिकन और कैरिबियन स्टेट्स में 8-8 सदस्य, जबकि वेस्टर्न यूरोपियन और अन्य स्टेट्स के लिए 7 सीटें निर्धारित हैं।जो नए सदस्य चुने गए हैं, उन देशों के नाम हैं- बुर्किना फासो, कैमरून, इरिट्रिया, सोमालिया, और टोगो। यह सभी अफ्रीकन स्टेट्स कैटिगरी में हैं। वहीं ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स ग्रुप में बुल्गारिया और चेक रिपब्लिक, जबकि लैटिन अमेरिकन-कैरिबियन स्टेट्स कैटिगरी में अर्जेंटीना, बहामास और उरुग्वे शामिल हैं। इसके अलावा वेस्टर्न यूरोपियन और अन्य राज्यों की कैटिगरी में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और इटली नए सदस्य निर्वाचित हुए हैं।