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छत्तीसगढ़ : आत्महत्या रोकने के लिए स्कूली बच्चों को किया जागरूक




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आत्महत्या रोकने के लिए जेआर दानी सरकारी गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल कालीबाड़ी के बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्पर्श क्लिनिक विभाग जिला चिकित्सालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टरों ने स्कूली बच्चों को जागरूक किया। इस दौरान डॉ.डीएस परिहार व मनोचिकित्सक डॉ. संजीव मेश्राम ने सैकड़ों विद्यार्थियों को परामर्श दिया।

इस दौरान उन्होंने बताया कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की दर 27.7 प्रति 100,000 है, जो राष्ट्रीय औसत 10.6 प्रति 100,000 से बहुत ज्यादा है। इसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में आत्महत्याओं को कम करने के लिए 2016 से कई कार्यक्रम चला रहे हैं। मानसिक विकारों की पहचान और उपचार करवाना, स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं के लिए तनाव प्रबंधन के कार्यक्रम आदि शामिल हैं। आत्महत्या रोकने के लिए अब तक हजारों लोगों को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है।

काउंसिलिंग के लिए 44 सेंटर स्थापित

जिलों में मानसिक रोग से ग्रसित लोगों के लिए काउंसिलिंग सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में 44 सेंटर संचालित हो रहे हैं। इनमें दुर्ग में 12, मुंगेली में 5, जांजगीर-चांपा में 2, कोरबा में 4, धमतरी में 3, रायगढ़ में 4, बस्तर मे 2 और जशपुर में 12 सेंटर शामिल हैं।

हेल्पलाइन 104 से भी दे रहे मदद

रोगियों के लिए प्रदेश में 104 हेल्पलाइन नंबर भी संचालित है। हाल ही में विभाग ने एम्बुलेंस सर्विसेज भी शुरू करने का फैसला लिया है इमरजेंसी में मानसिक रोगियों को भी एंबुलेंस की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी।