उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने सरकारी अस्पतालों में सप्लाई कर रहीं दो कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के तमाम सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए सप्लाई हो रहीं दवाओं और इंजेक्शन्स के नमूने जांच के लिए भेजे थे, जो कि मानक के अनुरूप नहीं पाए गए. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने इन दवा कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉर्पोरेशन ने इन कंपनियों के बकाया भुगतान देने पर भी रोक लगा दी है. दोनों कंपनियों के नमूने फेल पाए जाने के बाद अन्य दवाओं के नमूनों को भी जांच के लिए भेजा गया है.
बता दें स्वास्थ्य मंत्री ने जिन दो दवा कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए हैं, उनमें मैसर्स हिलर्स लैब और हिमालया मेडीटेक शामिल हैं. इन दोनों कंपनियों में से मेसर्स हिलर्स लैब की fluconazole tablet और हिमालया मेडीटेक की rantidine hydrocloride injection के नमूने मानक जांच में फेल पाए गए हैं, जिसके बाद इन दवाओं और इंजेक्शन्स की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है. साथ ही स्टोर की गई दवाओं को भी वापस भेजने के आदेश दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में दवा सप्लाई के लिए प्रदेश सरकार ने UP मेडिकल सप्लाईज कॉर्पोरेशन का गठन किया था, ताकि सही समय पर सरकारी अस्पतालों तक पर्याप्त मात्रा में दवाएं पहुंच सकें. प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में दवाओं का बजट 600 करोड़ है. बता दें कि अप्रैल से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में 10 दवाओं के नमूने फेल हो चुके हैं.
इन दवाओं के नमूने अलग-अलग जगह से कलेक्ट किए गए थे, इनमें से दो से तीन कंपनियां ऐसी थीं, जिनके नमूने बार-बार फेल पाए गए. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रही कंपनियों पर सख्त फैसला लेते हुए इन्हें ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश जारी किए हैं.