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वास्तुशास्त्र : घर में नकारात्मकता को घूसने नहीं देती हैं मछलियां, जानिए एक्वेरियम से जुड़े वास्तुटिप्स




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वास्तुशास्त्र में व्यक्ति से जुड़ी हर चीज का विशेष महत्व होता हैं वही अगर धार्मिक, ज्योतिष और वास्तु के मुताबिक एक्वेरियम बहुत महत्व रखता हैं, वही खासकर महिलाओं के लिए। वही एक्वेरियम वास्तु का एक सरआउंडिंग माना जाता हैं, जो अपने आप में जीवन लेकर चलता हैं जहां जीवन के साथ साथ प्रजनन भी होता हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर में वास्तु के मुताबिक एक्वेरियम कहां पर रखना उचित होगा तो आइए जानते हैं।

एक्वेरियम नौ ग्रहों का प्रतीक माना जाता हैं, जितनी भी मछलिया या जलचर हैं वो सारे शनि का प्रतीक होते है वही जल को चंद्रमा का प्रतीक माना गया हैं। वही आपने देखा होगा कि एक्वेरियम में नमक मिलाया जाता हैं जो राहु का प्रतीक हैं इसके अलावा एक्वेरियम में उपस्थित आक्सीजन बुद्ध उनको खिलाया जाने वाला खाना बृहस्पति, मछलियों में इंटरेक्शन होना शुक्र, मछली के मर जाने पर नई फिश लाना मोक्ष केतु का प्रतीक माना जाता हैं।

वही एक्वेरियम का जल मछलियों के कारण हिलता हैं इसलिए इसे उत्तर व उत्तर पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता हैं इसके अलावा आप इसे पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं वही अगर किसी कारण यहां जगह खाली नहीं हैं तो आप इसे उत्तर पश्चिम की दिशा में भी रख सकते हैं।

वही भूलकर भी एक्वेरियम को दक्षिण पूर्व, दक्षिण, पश्चिम व दक्षिण पश्चिम में ना रखें इससे घर में नेगिटिव एनर्जी आ सकती हैं वही कहा जाता हैं बहता हुआ जल ही हमें जीवन प्रदान करता हैं मगर एक्वेरियम का जल रूका होता हैं वही एक्वेरियम में मौजूद मछलिया उसके पानी को हिलाती रहती हैं। इसलिए इसे घर में रखना शुभ माना जाता हैं।