भारत देश को देवताओं की भूमि के नामसे जाना जाता है. आज हम एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जहां लोग जाने से भी डरते है. इस गांव को देश का सबसे भयानक और डरावना गांव माना जाता है.
भारत के हर गांव शहर का अपना एक पौराणिक महत्व है. ऐसे ही एक गांव हुआ करता था, जिसे धनुषकोटि के नाम से जाना जाता था. यह स्थान रामेश्वरम द्वीप के दक्षिणी किनारे पर है. पौराणिक कथाओं और इतिहास के अनुसार यहां पर भगवान राम ने लंका विजय करने के बाद विभीषण को लंका का राज-काज सौंपा और यहां का राजा बना दिया था.
इस समय विभीषण ने भगवान से कहा कि वो लंका तक आने वाले रामसेतु को ध्वस्त कर दें. इस पर राम ने धनुष से तीर चलकर इस सेतु के एक किनारे को नष्ट कर दिया. तब से यह स्थान को धनुषकोटि के नाम से जाना जाता है. हिन्दू धर्म मे इस स्थान को पवित्र माना जाता है. लेकिन अब इसकी कहानी पूरी तरह बदल चुकी है और काफी रोचक भी बन गयी है.
वर्तमान में यह धनुषकोटि देश के सबसे भयानक और डरावने गांवों की सूची में सबसे अव्वल है. यहां की सुनसान सड़के और डरावना माहौल किसी को भी भयभीत कर सकता है. 1964 से पहले यह स्थान काफी अच्छा था, लेकिन उस समय एक ऐसा चक्रवात आया जिसने इस धनुषकोटि की काया ही पलट दी. इस चक्रवात में पूरा गांव नष्ट हो गया और लगभग 1800 लोग मारे गए. पूरा गण एक ही दिन में सुनसान और वीरान बन गया. इस घटना के बाद से ही लोग यहां जाने से डरते है. लोगों का कहना है कि इंसान तो दूर, यहां कोई परिंदा भी पर नहीं मरता. रात के समय यहां अजीबोगरीब घटनाएं होती है. एक और इस स्थान से भगवान राम का नाता है तो दूसरी और आज यह जगह भूतों का अड्डा बन चुकी है.