द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को कम खाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर लोग बिना आवश्यकता के ज्यादा खाना खाते हैं। जिससे उनकी शारीरिक समस्याएं बढ़ती हैं और उन्हें मोटापे समेत अनेक बीमारियां होती हैं, इसलिए लोगों को हमेशा कम खाने की सोच रखनी चाहिए। अगर लोग कम खाएंगे तो न सिर्फ वे स्वस्थ रहेंगे, बल्कि वे देश के विकास में ज्यादा योगदान भी दे सकेंगे। साथ ही, बचा हुआ भोजन ऐसे जरुरतमंदों तक भी पहुंचेगा जिनको इसकी आवश्यकता हमसे ज्यादा है।
देश को हिट करने के लिए समाज को फिट रखने की जरूरत
विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) पर एफएसएसएआई (FSSAI) के बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि देश को हिट करने के लिए समाज को फिट रखने की आवश्यकता होती है। इसके लिए लोगों को उपयुक्त भोजन की जानकारी दी जानी चाहिए। कुछ चीजों को कम खाना लोगों को ज्यादा सेहतमंद बनाता है। जैसे- चीनी, नमक और तैलीय पदार्थों का सेवन कम किया जाना चाहिए। इससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।
भोजन की परिभाषा में हो बदलाव एफएसएसएआई के शीर्ष अधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा कि हमारे सामने दोहरी समस्या है। एक तरफ तो भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध कराना है, तो वहीं गलत भोजन के कारण कुपोषित हो रहे लोगों को भी स्वस्थ बनाना है। कुपोषण कम खाने के साथ-साथ ज्यादा खाने से भी हो रहा है। इसलिए हमें वही खाने को प्रमोट करना है जो शरीर के लिए स्वास्थ्यप्रद हो। पवन अग्रवाल ने कहा कि भोजन की परिभाषा में समयानुकूल परिवर्तन किये जाने की आवश्यकता है। अब भोजन उसी को कहा जाना चाहिए जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाये। इसमें पर्यावरण को भी शामिल किया जाना चाहिए। जिस भोजन को करने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, उसका त्याग किया जाना चाहिए।
‘ईट राइट झोला’ लांच
प्लास्टिक के विरुद्ध पैदा हुई जागरुकता को आगे बढ़ाने के लिए एफएसएसएआई ने ‘ईट राइट झोला’ भी लांच किया। पर्यावरण के अनुकूल बना यह झोला लगभग तीन साल तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपने ग्राहकों को सामान देने के लिए इन थैलों के इस्तेमाल पर अपनी मुहर लगा दी है। इस अवसर पर फूड सेफ्टी मित्रों को भी सम्मानित किया गया। ये लोग आने वाले दिनों में लोगों को स्वस्थ खाने की जानकारी देंगे। प्रसिद्ध क्रिकेटर विराट कोहली अब लोगों को ‘रुको अभियान’ की जानकारी देंगे। इसके तहत खाना बनाने के दौरान बचे हुए तेलों को दुबारा न इस्तेमाल करने की सलाह दी जाएगी। इस बचे हुए तेल से डीजल बनाने की विधि तैयार कर ली गई है। बड़ी कंपनियों को बचे खाद्य तेलों को तेल कंपनियों को देने को कहा जाएगा।